उत्तर प्रदेशलखनऊस्वास्थ्य

फाइलेरिया मरीजों के जीवन में रंग भर रहा एकीकृत उपचार केंद्र

  • क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, इंदिरानगर में संचालित हो रहा केंद्र
  • देखभाल व उपचार से आये बदलाव की कहानी मरीजों की जुबानी

लखनऊ। राजधानी में पिछले माह दो जून से शुरू हुआ फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र गंभीर मरीजों के जीवन में रंग भरने का काम कर रहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, सेक्टर-25 इंदिरानगर, लखनऊ के इस केंद्र पर अब तक 11 मरीजों को उपचारित किया जा चुका है। इलाज से राहत महसूस कर रहे मरीजों का यही कहना है कि-“हम तो हर तरफ से नाउम्मीद हो चुके थे लेकिन यहाँ पर 14 दिनों के इलाज और योग से बड़ी राहत महसूस हो रही है। अब पता चला है कि सही देखभाल और नियमित योग से हमारा जीवन भी सामान्य बन सकता है।“ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के स्टेट प्रोग्राम आफिसर डॉ. वी. पी. सिंह और जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ. रितु श्रीवास्तव ने गत दिनों केंद्र पर पहुंचकर इलाज करा रहे फाइलेरिया मरीजों से इलाज से आये बदलाव के बारे में जाना।

क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ. ओम प्रकाश का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार व आयुष मंत्रालय की पहल पर केंद्र का संचालन इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी (आईएडी), केरल द्वारा बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन (बीएमजीएफ़) के वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है। संस्था का दूसरा केंद्र वाराणसी में संचालित किया जा रहा है । केंद्र पर एलोपैथी, आयुर्वेद और योगा पद्धति से फाइलेरिया (हाथीपांव) ग्रसित गंभीर रोगियों का उपचार किया जाता है। केंद्र पर उपचार के लिए आयुर्वेद चिकित्सक सहित नौ स्टाफ तैनात हैं। केंद्र पर फाइलेरिया रोगियों की प्रतिदिन समयानुसार सम्पूर्ण उपचार प्रक्रिया पूरी की जाती है।

इसमें रोगी मेजरमेंट, साफ-सफाई, आयुर्वेदिक थेरेपी फांटा सोकिंग (घोल प्रक्रिया), योगा, कंप्रेशन और अंत में पुनः योगा व मसाज प्रतिदिन की जाती है। यहाँ पर 14 दिन के इलाज के बाद घर पर भी नियमित अभ्यास से फाइलेरिया मरीज सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उपचार पूरा होने के बाद रोगी का तीन माह तक फॉलो-अप किया जाएगा। इस एक दिवसीय फॉलो अप में रोगी की पुनः सम्पूर्ण मेजरमेंट, आयुर्वेदिक थेरेपी, योगा, मसाज तथा आहार परामर्श से उपचार किया जाएगा। डॉ. ओम प्रकाश का कहना है कि फाइलेरिया से बचने के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) के दौरान बचाव की दवा का सेवन खुद भी करें और परिवार व पड़ोस के लोगों को भी कराएँ।

केंद्र पर उपचार करा रहे सीतापुर के श्री कृष्ण का कहना है कि पिछले 15 साल से बाएं पैर में आई भारी सूजन से परेशान था, जो जहाँ बताया वहीँ इलाज कराया किन्तु आराम नहीं मिला। गत चार जून को इस केंद्र के बारे में पता चला तो पांच जून से इलाज लेना शुरू किया। 14 दिन के इलाज में बड़ा बदलाव महसूस कर रहा हूँ। अब चलने और उठने-बैठने में कोई दिक्कत नहीं हो रही । प्रभावित अंग की समुचित देखभाल के साथ योग व व्यायाम को अब जीवन का हिस्सा बनाकर रखूँगा।

इसी तरह गोंडा के राघव राम का कहना है कि जब वह 15 साल के थे तभी तेज बुखार के साथ पैर में सूजन आई। पिछले 25 साल से इसका दर्द झेल रहा हूँ। अख़बार के माध्यम से जब इस केंद्र के बारे में पता चला तो यहाँ पर सम्पर्क किया। केंद्र पर उपचार के बाद वाकई जीवन में बड़ा बदलाव महसूस कर रहा हूँ। अब गाँव जाकर हर किसी को जागरूक करूँगा कि मच्छर के काटने से फैलने वाली गंभीर बीमारी फाइलेरिया से बचना है तो घर या आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकें और साल में एक बार मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के दौरान बचाव की दवा का सेवन जरूर करें।

केंद्र पर सम्पर्क के लिए डायल 9567703344 :

फाइलेरिया संबंधी स्क्रीनिंग, उपचार आदि के लिए क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, इंदिरानगर केंद्र के लिए मोबाइल नम्बर-9567703344 पर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वाराणसी के चौकाघाट स्थित फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 9567283334 पर संपर्क कर स्क्रीनिंग, उपचार आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button