भारत आज अपनी प्रतिभा और नेतृत्व के लिए दुनिया में जाना जा रहा : राजनाथ सिंह

लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को इंटीग्रल यूनीवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज अपनी प्रतिभा और नेतृत्व के लिए दुनिया में जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने हमेशा अपने परिश्रम और काबिलियत से विश्व को नेतृत्व प्रदान किया है। आज दुनिया की तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अडोबी, आईबीएम, पालो आल्टो नेटवर्क, मास्टरकार्ड और न जाने कितनी कंपनियों का नेतृत्व भारतीय मूल के लोग कर रहे हैं।
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारा भारत ऐसा देश है जहां सदियों से लोग परस्पर प्रेम और सौहार्द के साथ रहते आए हैं। दुनिया के सबसे पुराने चर्चों में से एक सेंट थामस चर्च भारत के केरल राज्य में मौजूद है। इसके अलावा किसी इस्लामिक देश में इस्लाम के 72 के 72 फिरके नहीं मौजूद हैं मगर वे भारत में शांति से रह रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि विशेषरूप से सेनाओं में कई ऐसे विंग्स थे, जहां महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे। सेनाओं और पुलिस बलों में महिलाएं लगभग न के बराबर थीं। आपको जानकर खुशी होगी कि आज महिलाएं वार शिप्स पर भी तैनात हो रही हैं और दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में भी महिलाओं की तैनाती हो रही है। आजकल लड़कियां भी किसी मामले में पीछे नहीं हैं। एक समय था जब लड़कियां केवल कुछ सर्विस सेक्टर्स में ही दिखाई देती थीं। आज जीवन का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहां महिलाओं की भागीदारी न हो।
रक्षामंत्री ने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा, कृषि इत्यादि में भी डिजिटल तौर तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं। खासतौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से दूर दराज के इलाकों में बैठे लोगों का भी बढ़िया इलाज संभव हो पाया है।
सिर्फ यूपीआई के माध्यम से पिछले दिसम्बर महीने में 7.82 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए जिनका मूल्य 12-82 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि अब तक सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इस डिजिटल क्रांति से अब देश के ग्रामीण इलाके भी अछूते नहीं हैं। आज देश में जो डिजिटल क्रांति आप देख रहे हैं, वह हमारे देश के युवाओं के लिए केवल सूचना प्रौद्योगिकी ही नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में नए अवसर लेकर आई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समारोह को ‘दीक्षान्त समारोह’ कहा जाता है न कि ‘शिक्षांत समारोह’। इसका कारण है कि दीक्षा तो इस कैम्पस में आपको मिली है, मगर आपकी शिक्षा तो जिंदगी भर चलती रहती है। किसी भी छात्र के जीवन में दीक्षान्त समारोह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह वह अवसर है जब आप अपने कोर्स की पढ़ाई समाप्त करके, कैम्पस से बाहर निकल कर एक नई दुनिया में कदम रखते हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी उपस्थित रहे।