अवध महोत्सव में श्रोताओं ने सुने लखनऊ के किस्से, शास्त्रीय रागों को सुना पाश्चात्य वाद्य यत्रों के साथ

- लखनऊ के गोमती नगर स्थित उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी परिसर में चल रहा है महोत्सव
लखनऊ। अवध महोत्सव की सोमवार को तीसरी शाम कुछ खास रही। खास इस माइने में कि श्रोताओं को शहर के पुराने कुछ किस्से सुनने को मिले। लखनऊ की पुरानी किस्सा गोई की परम्परा को हिमांशु बाजपेई आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने ही किस्से सुनाए। दूसरी ओर शास्त्रीय गायन की पुरानी बंदिशाों और रागों को पराक्रम बैंड के कलाकारों ने गिटार, ड्रम जैसे पश्चिमी वाद्यों के साथ प्रस्तुत किया। इसके अलावा कथक और अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत हुुए। महोत्सव में उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरुण राज विशेष रूप से उपस्थित हुए। तरुण राज ने महोत्सव में आए अतिथियों और अन्य लोगों का स्वागत किया।
महोत्सव में लगा रागी से बनाए गए है पकवान
उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ के गोमती नगर स्थित उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी परिसर में 18 मार्च से चल रहे पांच दिवसीय महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग और अकादमी की ओर से किया जा रहा है। महोत्सव में जहां एक ओर इस साल मिलेट वर्ष को देखते हुए रागी से बनी चीजों का स्टाल लगाया गया है, जिसमें रागी की गुझिया, खुरमा जैसे बिक रही है। इस स्टाल को इसी शहर के मेवालाल लगाए हुए है। इसके अलावा जलौनी लकडी के शो पीस, कुल्हड़ में तंदूरी चाय, मसालेदार चाय, अवध के खानों में नाहरी, स्वादिष्ट रबड़ी मिल रही है। रेडीमेड महिलाओं के सूट भी उपलब्ध है। वाराणसी से आए अभिनव समिति के राजेन्द्र श्रीवास्तव महोत्सव परिसर में लोगों को मुखौटा बनाना भी सिखा रहे हैं। कठपुतलियों से वह रामलीला दिखाते हैं।
लखनऊ के किस्से सुन श्रोताओं ने बजाई तालियां
उधर सांस्कृतिक मंच पर किस्सागोई के लिए मशहूर हिमांशु बाजपेई ने लखनऊ से जुडे यहां के खान-पान, पहनावा के किस्से सुनाए। इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए काकोरी एक्शन में शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां से जुड़ी बातें खास अंदाज में बताई। इसी शहर के पराक्रम बैंड के कलाकार अभिषेक श्रीवास्तव, अजय चैहान, आयुषी पाण्डेय ने शास्त्रीय गायन की पुरानी बंदिशों को नए ढंग और पाश्चात्य वाद्य यंत्रों के साथ सुनाया तो श्रोता झूम उठे। बैड के अभिषेक ने बताया कि नए ढंग से सुनाने में बंदिशों के मूल राग में ज्यादा अंतर नहीं आता है और नई पीढ़ी उसमें रूचि भी लेती है। उनके साथ ड्रम पर मार्शलनाथ, तबले पर अनूप, बेस गिटार पर योगेश शर्मा, तालवाद्य पर विकास थापा, बांसुरी पर अभिनव नवीन व की-बोर्ड पर योगेश सोनी ने साथ दिया।
बनारस से आईं कथक नृत्यागंना डाॅ विधि नागर और उनके साथियों की प्रस्तुति ’ कबीर दि वीयर’ नृत्य नाटिका में कबीरदास के दर्शन को उनके भजनों के माध्यम से नृत्य में दर्शाया। उन्होंने कबीरदास के प्रचलित भजन झीनी झीनी बीनी चदरिया… और ’हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या…’ पर भी नृत्य में पेश किया। इनके साथ स्टेज क्राफ्ट मोहन मिश्रा व डाॅ विधि नागर का था। आवाज अनवारूल हसन की थी। उनके साथी कलाकारों में अपराजिता पटेल, अदिति थपलियाल, रागनी कल्याण सहित अन्य कलाकार थीं। मुंबई से आई गायिका निराली कार्तिक सलीम खान ने शास्त्रीय व लोक संगीत के फ्यूजन को पेश किया। जिसका लोगों ने लुत्फ उठाया। उन्होंने गाना ढाई आखर,, बलमा.., धूम.. और हिचकी, बंजारा… लगन लगी….. रूमाल… सहित कई गीत गाए। कार्यक्रम का संचालन श्वेता तिवारी ने बड़ी खूबसूरती से किया।
बुदेलखण्ड का राई नृत्य देख दर्शक हुए खुश
वहीं अकादमी परिसर में बुंदेलखण्ड से आए लोक कलाकारों का दल राई नृत्य प्रस्तुत कर लोेगों का मनोरंजन कर रहा है। दल के मुखिया जितेंद कुमार ने बताया कि यह नृत्य युद्ध के समय राजाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए किया जाता था। दल में नृत्यागंनाएं अपने पारम्परिक पहनावा लहंगा और चोली पहनती है और घंूघट काढ़कर नृत्य करती है। वहीं परिसर में पुतुल शो में भी लोगों ने रूचि दिखाई।
आप भी बन सकते है महोत्सव का हिस्सा
अकादमी परिसर में चल रही अवधी परिधान प्रतियोगिता में आज 26 से 35 आयु वर्ग में चयन हुुुआ। इममें 10 लोग आए थे। इसकी संयोजक निधि श्रीवास्तव ने बताया कि 21 मार्च को रिहर्सल होगा और महोत्सव के अंतिम दिन 22 को मुख्य मंच पर फाईनल होगा। वहीं महोत्सव में सेल्फी विद स्लोगन प्रतियोगिता भी चल रही है, जिसमें लोग सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेकर स्लोगन के साथ व्हाट्सऐप नम्बर 8887789357 भेज सकते है। इसके अलावा महोत्सव में जो अवधी परिधान पहनकर आएगा, उसमंे जिसका चयन होगा, उसे अंतिम दिन सम्मानित भी किया जाएगा।
अवध महोत्सव में मंगलवार को परिसर में अवधी व्यजंनों की प्रतियोगिता अपरान्ह 3 बजे से, मुख्य मंच पर शाम 6 बजे से नई दिल्ली के कथक नर्तक त्रिभुवन महाराज और रजनी महाराज का कथक नाट्यम, उ.प्र. सं.ना.अ. की ओर से आयोजित डाॅ. पवन तिवारी निर्देशित ताल वाद्य कचहरी के विजेताओं की प्रस्तुति, अरशना आनंद की दास्तानगोई, कवि सम्मेलन होगा। इसमें शहर के कवि सर्वेश अस्थाना, प्रदीप महाजन, विनोद मिश्रा, जगजीवन मिश्रा, सुफलता तिवारी और डाॅ. सुधा मिश्रा शामिल होंगी। अंत में बिहार के कुमार सत्यम का गजल कार्यक्रम होगा ।
इक्का-तांगा दौड मंगलवार की सुबह
सोमवार को सुबह होने वाली इक्का तांगा दौड़ बारिश के कारण नहीं हो सकी थी। यह दौड़ अब मंगलवार को सुबह 7 बजे लखनऊ, विश्वविद्यालय बंधे से डालीगंज पुल तक हो सकेगी। यह जानकारी उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरुण राज ने दी। उन्होंने कहा कि अगर मौसम साफ रहा तो दौड़ हो सकेगी। तांगां दौड़ के संयोजक जुग्गन खां ने बताया कि गीली जमीन पर घोड़ों के दौडने से उनके फिसलने की संभावना बनी रहती है।