आज से लखनऊ में चार दिवसीय इंडियन रोड कांग्रेस
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे शुभारंभ
- 11 साल बाद यूपी को मिली मेजबानी, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा आयोजन
लखनऊ। इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक राजधानी लखनऊ में आयोजित होगा। 11 साल बाद यूपी की मेजबानी में होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे। आईआरसी का अधिवेशन 1934 में शुरू हुआ था। यूपी पांचवीं बार इसकी मेजबानी करेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार अपराह्न चार बजे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयोजन का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद रहेंगे। अधिवेशन में देश-विदेश के अलावा यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम के बाद प्रतिभागियों को अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा-वृंदावन समेत प्रदेश के विभिन्न सांस्कृतिक नगरों का भ्रमण कराकर वहां के आध्यात्म व सांस्कृतिक पहलुओं से भी अवगत कराया जाएगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे प्रदेश बन गया है। यहां नई तकनीक से लगभग 50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को रोका गया है। मुख्यमंत्री ने 2027 तक यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सड़कों का विशेष योगदान है। अधिवेशन में एफडीआर जैसी तकनीकी विषयों पर कोड्स लाया जाएगा, जिससे यूपी को बड़ा लाभ होगा। उत्तर प्रदेश में आईआरसी का यह पांचवां अधिवेशन है। प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था। वर्ष 1937, 1985, 1995 एवं 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका है। इसके बाद इस वर्ष यह गौरव उत्तर प्रदेश को मिल रहा है।
19 तकनीकी सत्र होंगे, एक सत्र यूपी का
अधिवेशन में कुल 19 सत्र होंगे। इसमें एक सत्र यूपी का भी होगा, जिसमें अपने श्रेष्ठ कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। सड़क निर्माण की नई तकनीकों, इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी, किफायती, टिकाऊ व सुरक्षित सड़कों जैसे विषयों के लिए यह काफी कारगर होगा। प्रवक्ता ने बताया कि देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञों, केंद्र एवं प्रदेश के इंजीनियरों, सड़क एवं सेतु से जुड़ी संस्थाओं, वैज्ञानिकों एवं सलाहकारों द्वारा सत्रों के दौरान कई विषयों पर प्रस्तुति होगी। तकनीकी प्रदर्शनी में 180 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें विभिन्न कंपनियों की ओर से सड़क निर्माण में काम आने वाले उपकरण, मशीनरी, मटेरियल व नई तकनीक से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए सूबे की कला एवं शिल्पकारों के हुनर से भी आगंतुक अवगत होंगे। इस दौरान सांस्कृतिक सांझ का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें हरिहरपुर घराने को भी आमंत्रित किया गया है।
छात्रों को प्रतिभाग का मिलेगा अवसर
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यह अधिवेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी काफी कारगर होगा। सड़क निर्माण के क्षेत्र में करियर बनाने व स्टार्टअप के जरिए स्वरोजगार के सृजन में इससे काफी मदद मिलेगी। साथ ही अभियंताओं के लिए भी यह अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 16 समितियों में यूपी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को सदस्य के रूप में चुना गया है।