यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र; अनुपूरक बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जानिए पूरा शेड्यूल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा का शीतकालीन सत्र 16 से 20 दिसम्बर तक का प्रस्तावित किया गया है. विधानसभा सचिवालय की ओर से तिथिवार कार्यक्रम विधान सभा अध्यक्ष द्वारा अनन्तिम रूप से सोमवार को स्वीकृत किया गया है. शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना राज्य का अनुपूरक बजट पेश करेंगे.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की हवाले से प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की ओर से अधिसूचना पहले ही जारी की गई थी. जिसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड एक द्वारा प्रसिद्ध शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा को सोमवार दिनांक 16 दिसंबर को 11:00 बजे से विधानसभा मंडप विधान भवन में आहूत करती हूं. विधानसभा के साथ ही विधान परिषद का भी सत्र शुरू होगा. शीतकालीन सत्र के हंगामाखेज होने के आसार हैं. जिसमें मुख्य रूप से संभल का दंगा अहम मुद्दा रहेगा.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का जारी कार्यक्रम
16 दिसंबर सोमवारः (1) औपचारिक कार्य जैसे अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों आदि का सदन के पटल पर रखा जाना, विधेयकों का स्थापन आदि.
(2) विधायी कार्य. (3)अन्य कार्य, यदि कोई हों.
17 दिसंबर मंगलवारः (1) औपचारिक कार्य, यथा अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों आदि का सदन के पटल पर रखा जाना, विधेयकों का पुरःस्थापन आदि, यदि कोई हों. (2) 12:20 बजे अपराह्न को वित्तीय वर्ष 2024-2025 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतिकरण. (3) विधायी कार्य.
18 बुधवारः (1) वित्तीय वर्ष 2024-2025 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों पर चर्चा, मांगों पर विचार एवं मतदान तथा तत्सम्बन्धी विनियोग विधेयक का सदन की अनुज्ञा से पुरःस्थापन, उस पर विचार एवं उसका पारण. 2-विधायी कार्य.
19 गुरुवारः विधायी कार्य. अन्य कार्य, यदि कोई हों.
20 शुक्रवारः 1-विधायी कार्य. 2-असरकारी दिवस (आधा दिन).
शीतकालीन सत्र के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा है. इस हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत हुई है, जिस पर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आंदोलित है. विपक्ष के कई नेताओं ने संभल में जाने का निर्णय लिया था. मगर सरकार ने उनको ऐसा करने से रोक दिया. इसके बाद में अब विधानसभा में यह मुद्दा जमकर उठाया जाएगा. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे को भी विधानसभा सदन में उठाया जा सकता है.