प्रेरणा स्थल स्मारक के रूप में विकसित होंगे शहीदों से जुड़े स्थल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुमनाम शहीदों से जुड़े अनसुने स्थलों को चिन्हित कर प्रेरणा स्थल स्मारक के रूप में विकसित किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत विभागों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने विभागों द्वारा चलाये जा रहे सभी जन कल्याणकारी कार्यों व योजनाओं को ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ से जोड़ने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत सी ऐसे जगह हैं जहां देश के बड़े क्रांतिकारियों, आन्दोलकारियों ने जन्म लिया, आज़ादी के आंदोलन के दौरान वहां जनसभाएं की या वहां से उनका कोई खास जुड़ाव रहा है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों के साथ स्थानीय स्तर पर गुमनाम शहीदों से जुड़े अनसुने स्थलों का भी भ्रमण कराया जाए।
उन्होंने कहा कि ऐसे अनसुने स्थलों को चिन्हित कर उन्हें स्मारक का रूप दिया जाए। वहां पर उन स्थलों की महत्ता और कथाओं का उल्लेख करता हुआ शिलापट्ट लगाया जाए ताकि देश की नई पीढ़ी देश के महान सपूतों की गौरव गाथा से परिचित हो और उन स्थलों पर भ्रमण कर युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके। जहां भी स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हो वहां पर युवा पीढ़ी को आज़ादी के नायकों से जुड़ी ऐतिहासिक फिल्मों, डॉक्युमेंट्री दिखाई जाए।
उन्होंने कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ एक विभाग या सरकार का कार्यक्रम नहीं है, यह जन—जन का कार्यक्रम है। जन सहभागिता और जन जनजागरण को बढ़ाने के लिए गृह, चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, ग्राम विकास, नगर विकास, समाज कल्याण, पर्यावरण, युवा कल्याण खेल, महिला विकास, एमएसएमई, भाषा आदि विभाग स्वयं अपने स्तर से क्या अनूठा कार्यक्रम कर सकते हैं इसका प्लान तैयार करें। सभी विभाग 15 अगस्त, 2022 तक की कार्ययोजना का कैलेंडर तैयार करें।
उस कैलेंडर के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से लोक कल्याण के कार्यों के साथ आज़ादी के महापुरुषों के प्रेरणा स्थलों व महत्वपूर्ण दिवसों को जोड़ें। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।