वाशिंगटन। ईंधन रिसाव के कारण दूसरी बार मून मिशन आर्टेमिस-1 की लांचिंग न होने पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दोनों नाकामियों की समीक्षा करने का फैसला लिया है। शनिवार को दूसरी बार भी रॉकेट में तकनीकी खराबी के बाद अब 6 सितंबर तक आर्टेमिस-1 को लांच करना बेहद मुश्किल लग रहा है।
नासा ने कहा कि दूसरे लांच प्रयास के दौरान इंजीनियरों ने एसएलएस रॉकेट से तरल हाइड्रोजन को भरने और निकालने के लिए उपयोग की जाने वाली 8-इंच लाइन के आसपास के ग्राउंड साइड और रॉकेट साइड प्लेट्स के बीच रिसाव देखा गया। उन्होंने कहा कि सील को फिर से लगाने के तीन प्रयास असफल रहे, लेकिन रॉकेट सुरक्षित रहा। इंजीनियरों ने फैसला लिया है कि अब वे सितंबर की शुरुआत में लांचिंग के प्रयास नहीं करेंगे। स्पेस एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि अगले कई दिनों में इंजीनियरों की टीमें लांच पैड 39बी पर रिसाव के क्षेत्र तक पहुंच स्थापित करेंगी।
नासा के मून मिशन के तहत रॉकेट आर्टेमिस-1 को 3 सितंबर की रात 11 बजकर 47 मिनट पर उड़ान भरनी थी, लेकिन आखिरी समय पर यह टाल दी गई। इससे पहले 29 अगस्त को रॉकेट के 4 में से तीसरे इंजन में आई तकनीकी गड़बड़ी व खराब मौसम के कारण इसकी लॉन्चिग टाली जा चुकी है। शनिवार को दूसरी बार भी रॉकेट में तकनीकी खराबी के बाद लांचिंग नहीं हो पाई। अब 6 सितंबर तक आर्टेमिस-1 को लांच करना बेहद मुश्किल लग रहा है।
नासा का यह मिशन चंद्रमा और मंगल ग्रहों पर इंसानों को भेजने की महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़ा हुआ है। इस मिशन का पहला लक्ष्य अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने से पहले अहम जानकारियां जुटाना है ताकि आर्टेमिस-2 और आर्टेमिस-3 में इंसानों को चांद और मंगल ग्रहों पर आसानी से भेजा जा सके।