
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को यहां जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि वहां का प्रशासन पीड़ित कश्मीर पंडितों को अपनी आवाज भी नहीं उठाने दे रहा है। आम आदमी पार्टी ने आज जंतर-मंतर पर कश्मीरी पंडितों के साथ एकजुटता दिखाने और उनकी निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं पर आक्रोश रैली आयोजित की।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों को लेकर मांगे रखी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हो रही हत्याओं को रोकने की कोई ठोस कार्यनीति बने। कश्मीरी पंडितों को घाटी में ही नौकरी करने से जुड़ा बांड रद्द हो। कश्मीरी पंडितों की मांगें पूरी की जायें और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि 1990 में कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन हुआ था। उस समय सारा देश उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। आज भी वैसा ही समय है। आज भी देश उनके हालात को लेकर चिंतित है। कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है तो उस पर गृह मंत्री उच्च स्तरीय बैठक बुलाते हैं। अब बहुत बैठकें हो गई हैं। अब लोग कार्रवाई चाहते हैं।
केजरीवाल ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और कहा कि इस तरह के हथकंडे न अपनाएं। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में पिछले कुछ सयम से गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। घाटी में बाहर से आने वालों और कश्मीरी पंडितों की चुन-चुन कर हत्या की जा रही है। इससे घाटी में दहशत का महौल पनप रहा है और वहां काम करने वाले गैर-मुस्लिम पलायन कर रहे हैं।