ताज़ा ख़बरदेश

गुस्से में कर दी हत्या, जज के सामने आफताब ने कबूल किया गुनाह

नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब पूनावाला की पुलिस हिरासत 4 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। आज वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान आफताब ने जज के सामने कबूल कर लिया कि उसने गुस्से में कत्ल किया था। दिल्ली की साकेट कोर्ट में जज के सामने उसने बोला, ‘मैंने जो किया, गुस्से में किया।’

गौर करने वाली बात यह है कि आफताब ने यह नहीं कबूल किया कि उसने श्रद्धा का मर्डर किया। उसने कहा है कि जो कुछ हुआ वह गुस्से में हुआ। आफताब के वकील के मुताबिक अदालत ने इस बयान को अपने रेकॉर्ड पर नहीं लिया। रिपोर्ट के मुताबिक पालीग्राफी टेस्ट के लिए आफताब ने सहमति भी दे दी है। इसके बाद कोर्ट ने टेस्ट की स्वीकृति दे दी।

कुल मिलाकर 14 दिन की कस्टडी ली जा सकती है। 5-5 दिन की दो बार कस्टडी ली जा चुकी है। आज 4 दिन की कस्टडी और मिली है। अब इसी दौरान पालीग्राफी टेस्ट होगा और उसके बाद नार्को टेस्ट होगा। इस दौरान पुलिस के सामने चुनौती यह होगी कि इसी चार दिन में उससे सारे राज उगलवाने हैं और सबूतों को जुटाना होगा।

बचने की चाल तो नहीं!

जिस ‘heat of moment’ की बात आफताब ने कोर्ट में कही है। एक आशंका यह भी है कि उसकी तरफ से यह बचने की कोशिश हो सकती है। दरअसल, इसका मतलब यह होता है कि आपने कुछ ऐसा किया जो बिना सोचे-समझे हुआ क्योंकि आप काफी ज्यादा गुस्से में आ गए थे। वह इसे गैर-इरादतन हत्या का रूप दे रहा है।

शुरू से कहा जा रहा है कि 18 मई की रात को आफताब और श्रद्धा के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। आफताब के मुताबिक श्रद्धा ने उसकी तरफ कुछ फेंका और वह गुस्साकर उसकी तरफ दौड़ा। उसने तब तक गला दबाए रखा जब तक श्रद्धा का शरीर शांत नहीं पड़ गया।

हत्या और गैर इरादतन हत्या में पेंच समझ लीजिए

आईपीसी की धारा 304 के तहत, किसी की गैर इरादतन हत्या के मामले में (जो हत्या करने की श्रेणी में नहीं आता हो या कोई ऐसा काम करना जो मौत का कारण बने) कोर्ट आरोपी को आजीवन कारावास और आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों दे सकता है।

हालांकि अगर किसी शख्स पर इरादतन हत्या का दोष साबित होता है तो आईपीसी की धारा 302 लगाई जाती है। ऐसे मामले में आरोपी को उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि हत्या के मामले में सजा सुनाने से पहले कत्ल के मकसद पर ध्यान दिया जाता है। हत्या का केस साबित करने के लिए इरादा, मौत का कारण, शारीरिक चोट का अहम रोल होता है।

आफताब बोला, ज्यादा याद नहीं

सबूतों की तलाश के लिए पुलिस ने 14 अलग-अलग टीमें तैनात की हैं। आफताब ने कहा है कि 6 महीने होने के कारण कई बातें याद नहीं हैं। उसने मैप बनाकर बताया कि उसने सबूत (हथियार आदि) कहां-कहां फेंके हैं। उसने मैप में ही तालाब के बारे में बताया है। आज कोर्ट में आफताब ने बयान दिया कि तालाब के पास उसने श्रद्धा की खोपड़ी फेंकी थी। जबड़े का हिस्सा भी बरामद हुआ है, उसे लैब में भेजा गया है ताकि पता लगाया जा सके कि यह श्रद्धा का है या किसी और का।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button