कांग्रेस की हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जेपीसी जांच की एकतरफा मांग पर शरद पवार ने कहा कि वह महाराष्ट्र में अपने सहयोगी दल के विचारों से सहमत नहीं है। इससे पहले भी शरद पवार ने अडानी मामले में अलग रुख पेश करते हुए जेपीसी जांच की मांग के बजाय सुप्रीम कोर्ट कमिटी को तरजीह दी थी।
‘सुप्रीम कोर्ट कमिटी से सच्चाई सामने आएगी’
अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में शरद पवार ने कहा, ‘विपक्ष की ओर से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को जरूरत से ज्यादा अहमियत दी गई जबकि इस फर्म का बैकग्राउंड किसी को भी नहीं पता है। हमने तो इनका नाम भी नहीं सुना।’पवार ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि ‘इस मामले में एक इंडस्ट्रियल ग्रुप को टारगेट किया गया लेकिन जेपीसी अपॉइंट करने से मामला नहीं सुलझेगा।’ शरद पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमिटी से ही सच्चाई देश के सामने आएगी।
‘बिजली क्षेत्र में अडानी का अहम योगदान’
शरद पवार ने इंटरव्यू में कहा, ‘जब हम राजनीति में आए, तब सरकार पर हमले के लिए टाटा-बिरला पर हमला किया करते थे। बाद में पता चला कि टाटा का इस देश में कितना योगदान है। आजकल टाटा-बिरला की जगह अदानी-अंबानी पर हमला किया जा रहा है, जबकि बिजली क्षेत्र में अडानी का अहम योगदान है।’एनसीपी चीफ के इस बयान से एक तरफ कांग्रेस के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई है। साथ ही 2024 चुनाव के लिए एकजुट विपक्ष की तस्वीर को भी झटका लगा है। पिछले दिनों संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने अडानी- हिंडनबर्ग विवाद पर केंद्र और बीजेपी को जमकर घेरा। इस मामले में कांग्रेस दो महीने तक देशव्यापी प्रदर्शन भी कर रही है।