हार के कारणों पर करेंगे आत्ममंथन : कांग्रेस
कांग्रेस ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जनता के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि नतीजे भले ही उसकी आशाओं के विपरीत हैं लेकिन लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरित होता है। इसलिए कांग्रेस इस फैसले काे स्वीकार कर अपनी हार के कारणों पर आत्ममंथन करेंगे।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुखर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी ने महंगाई, बेरोज़गारी, डूबती अर्थव्यवस्था जैसे जनता के मुद्दों को ज़िम्मेदारी के साथ उठाया है और उसे उम्मीद थी कि जनता उसका साथ देगी। चुनाव परिणाम उसकी उम्मीदों के विपरीत हैं लेकिन पार्टी हार के कारणों पर आत्ममंथन और आत्मचिंतन करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस किन कारणों से हारी है उनका संगठन इस बारे में विचार करेगा और भविष्य में होने वाले चुनाव में बेहतर काम करने का प्रयास करेंगे। पार्टी चुनाव परिणामों से निराश जरूर हैं लेकिन हताश नहीं। चुनाव हारे है लेकिन हिम्मत नहीं, इसलिए पार्टी लड़ती रहेगी और बदलाव के साथ लौटेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा, “हम उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में अच्छे परिणाम की अपेक्षा कर रहे थे लेकिन हम ये स्वीकार करते हैं कि हम जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने में असफल रहे। पंजाब में चरनजीत सिंह चन्नी के रूप में हमने एक विनम्र, स्वच्छ और धरातल से जुड़ा हुआ नया नेतृत्व देने का प्रयास किया लेकिन अमरिंदर सरकार के साढ़े चार साल की सत्ता विरोधी लहर से नही उबर पाए। जनता ने बदलाव के लिए मतदान किया। हम जनता का आदेश स्वीकार करते हैं और पंजाब में जीत के लिए आम आदमी पार्टी को बधाई देते हैं।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित करने में सफल रही है। पार्टी जनमत को सीटों में नही बदल पाई लेकिन पार्टी प्रदेश के हर गली-मोहल्ले तक पहुंचने में सफल रही है। उत्तराखंड तथा गोवा में बेहतर चुनाव तो लड़े पर जनता का मन जीत कर विजय के आँकड़े तक नहीं पहुँच पाये। यह सीख है कि भविष्य में पार्टी को धरातल पर और मेहनत करने की आवश्यकता है।