
अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद देशभर में मचे बवाल के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सामने आए हैं। उन्होंने अग्निपथ योजना को समय की जरूरत बताया है। अजीत डोभाल ने अग्निपथ योजना समेत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी बात की है। उन्होंने कहा कि माहौल बदल रहा है और अब प्राथमिकता देश को सुरक्षित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।
दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के चारों तरफ माहौल तेजी से बदल रहा है। हालात को देखते हुए संरचना में बदलाव करना होगा। रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है। सेना की आधुनिकता के लिए सरकार नए हथियार खरीद रही है। हमें अपनी सेना को विश्व स्तरीय सेना बनाना है।
#WATCH LIVE | NSA Ajit Doval speaks to ANI's Smita Prakash on the #AgnipathRecruitmentScheme and other internal security issues https://t.co/DJ87xXO8j9
— ANI (@ANI) June 21, 2022
अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। आवश्यक इसलिए था क्योंकि भारत में और भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है। उन्होंने कहा कि कल की तैयारी के लिए परिवर्तन जरूरी है। अग्निपथ योजना की मांग 22-25 साल से लंबित थी।
डोभाल ने यह भी कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से यह फैसला रुका हुआ था। भविष्य की जरूरत को देखते हुए फैसले लेने पड़ते हैं। हालात को देखते हुए संरचना में बदलाव करना होगा। रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है। सेना की आधुनिकता के लिए सरकार नए हथियार खरीद रही है। हमें अपनी सेना को विश्व स्तरीय सेना बनाना है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर कभी भी पूरी सेना का गठन नहीं करेंगे। जो अग्निवीर नियमित होते जाएंगे, वे गहन प्रशिक्षण से गुजरेंगे। समय के साथ उन्हें अनुभाव प्राप्त होगा। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहा है। रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत सबसे ज्यादा युवा आबादी है। यह दुनिया में सबसे अधिक है। सेना में 25 प्रतिशत युवाओं को एक अलग स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारतीय सेना की औसत उम्र सबसे ज्यादा है। देश में अब तक 2 से 3 तीन ही जाति आधारित रेजिमेंट हैं। अग्निवीरों को नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। दुनिया के सबसे अच्छे असाल्ट राइफल भारतीय सेना के पास हैं।