
मुंबई से सटे ठाणे के मीरा रोड में पत्नी सरस्वती वैद्य का बेरहमी से कत्ल कर और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें कूकर में उबाल कर और मिक्सी में पीस कर कुत्तों को खिलाने वाला मनोज साने 16 जून तक पुलिस कस्टडी में है. पुलिस पूछताछ में उसके बारे में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. नए खुलासे में यह पता चला है कि सरस्वती का कत्ल करने के बाद मनोज साने ने उसके कपड़े उतारे और शव के साथ न्यूड सेल्फी ली. पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि, ‘हां, मैं हूं मनोविकृत, मैं हूं सनकी!’
यह जवाब मनोज साने ने तब दिया जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसने सरस्वती का कत्ल करने के बाद उसके शव के कई टुकड़े क्यों किए? बिना किसी संकोच के साने ने शांत दिमाग से जवाब में यह कहा कि, ‘मैं मानसिक रूप से विकृत हूं, ऐसा समझिए.’
सबूत जुटाने के लिए पुलिस लेगी अन्य राज्यों के टेक्निकल एक्सपर्ट की मदद
मनोज साने ने सरस्वती का कत्ल पूरी प्लानिंग से किया है. सरस्वती के शरीर के 35 अंग मिल चुके हैं, लेकिन कई अंगों की तलाश जारी है. पुलिस के सामने सवाल यह साबित करने का है कि सरस्वती का कत्ल मनोज साने ने ही किया है. मनोज साने ने पुलिस को पहले यही बताया था कि उसने कत्ल नहीं किया. सरस्वती ने आत्महत्या की. अपने ऊपर इल्जाम आने के डर से उसने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की.
अदालत में साने जा सकता है पलट, मुजरिम साबित करने में ये है दिक्कत
यही बात मनोज साने अदालत में भी कह सकता है. उसके जवाबों से यही पता लग रहा है कि उसने पहले से यह तैयारी कर रखी थी कि अगर पकड़ा गया तो वो क्या जवाब देगा. ऐसे में मनोज साने ने कत्ल को कैसे अंजाम दिया इस बात को साबित करने के लिए स्थानीय पुलिस अन्य राज्यों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स की राय लेने का मन बना चुकी है.
पहले भी दिया क्या किसी वारदात को अंजाम, पुलिस पूछताछ कर रही है जान
पुलिस मनोज साने से पूछताछ कर यह पता लगाने की भी कोशिश कर रही है कि सरस्वती उसका पहला शिकार है, या उसने इस तरह की वारदात को पहले भी अंजाम दिया है? पुलिस यह इसलिए जानना चाह रही है क्योंकि कुछ दिनों पहले पालघर के मनोर में इसी तरह से एक कत्ल को अंजाम दिया गया था. उस कत्ल में कातिल का पता नहीं लगाया जा सका है. पुलिस के हाथ एक महिला का शव इसी तरह से टुकड़े-टुकड़े में मिला था. पुलिस यह जानना चाह रही है कि कहीं उस कत्ल से मनोज साने का कोई संबंध तो नहीं है?
सरस्वती की मजबूरी का फायदा उठाया, सहारा देकर सितम ढाया
दरअसल सरस्वती आसरा ढूंढ रही थी, नौकरी ढूंढ रही थी. उसके पास न छत थी, न रिश्ते, न रुपया, न नौकरी. ऐसे में अनाथ सरस्वती 2014 में नौकरी खोजने के सिलसिले में साने से मिली. मनोज ने उसे अपने घर में रहने देने का ऑफर दिया. इसके बाद उसने सरस्वती का हर तरह से शोषण किया. मजबूरी में ठाणे के वसई इलाके के पास नालासोपारा पूर्व के वज्रेश्वरी मंदिर में सरस्वती ने मनोज से शादी की.
सरस्वती बिन मां-बाप की थी लेकिन उसकी बहनों ने इस संबंध का विरोध किया. लेकिन सरस्वती के पास कोई और रास्ता नहीं था. वो जब अपने शहर अहमदनगर जाती थी तो मनोज साने को अपना मामा बताती थी.