
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि हाल में हुई भगदड़ की घटनाओं के मद्देनजर महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया है। पिछले महीने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए, वहीं हाल में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। उन्होंने (भाजपा सरकार ने) मौतों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया।’’
ममता बनर्जी के बयान पर क्या बोले स्वामी चिदानंद सरस्वती
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, “महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई है। यह ‘मृत्यु कुंभ’ नहीं है, यह ‘अमृत कुंभ’ है। यह ‘महान कुंभ’ है, जिसने इतिहास रच दिया है। एक घाट था और बड़ी संख्या में सनातनी पवित्र डुबकी लगा रहे थे। हर कोई एक साथ ‘हर हर महादेव’ का नारा लगा रहा था। बहुत सारे लोग आए, लेकिन कोई भी भूखा नहीं सोया, 55 करोड़ लोग आए किसी ने ये नहीं कहा कि तुम छोटे हो तुम बड़े हो। सभी ने मिलकर एक नए आविष्कार की तरफ भारत को ले जाते हुए देखा है। अब समय आ गया है कि हम सभी भारत को भारत के रूप में देखें। बंगाल की धरती में जन्में रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि जीवात्मा और परमात्मा अलग-अलग नहीं हैं। हम तो सब एक हैं। इस धरती पर उस महापुरुष ने कहा कि जितने भी लोग हैं वे सब एक हैं और एक परिवार हैं। साथ मिलकर 55 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। ऐसे में यह मृत्यु कुंभ कैसे हो सकता है। यह मृत सोच है।
ममता की टिप्पणी का मुस्लिम विधायक ने किया विरोध
वहीं ममता बनर्जी के बयान पर आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहा है, हम उनके इन शब्दों का विरोध करते हैं। लाखों-करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज जा रहे हैं लेकिन महाकुंभ में योगी आदित्यनाथ बेहतर व्यवस्थाएं दे पाने में असफल हुए हैं।” उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार की असफलता पर चर्चा करना चाहिए। लेकिन धार्मिक प्रोगाम के नाम पर दूसरा नाम देकर टिप्पणी करना गलत है। हम इसका विरोध करते हैं। देश में 140 साल बाद जो प्रोग्राम आया है। इसके आयोजन में योगी आदित्यनाथ की सरकार असफल रही है। हिंदुस्तान में ज्यादातर लोग हिंदू समाज के हैं और सबका वहां जाने का मन करेगा। लेकिन सरकार की असफलता पर चर्चा करना चाहिए ना कि धार्मिक कार्यक्रम पर टिप्पणी करना चाहिए।