पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीरभूम अग्निकांड के मृतकों के परिजनों को 5 लाख का चेक सौंपा. ममता ने कहा कि प्रभावित घरों के पुनर्निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. वहीं आग में मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी भी दी जाएगी. दरअसल पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था.
प्रशासन की तरफ से लापरवाही
बीरभूम रामपुरहाट के बगतुई गांव में हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से बड़ी लापरवाही हुई है. TMC नेता की हत्या के बाद पुलिस को अलर्ट होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो भी इसके पीछे है उन्हें सख्त सज़ा मिलेगी. उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार को 5 लाख, जिनके घर जले है उन्हें एक लाख रूपए और घर चलाने के लिए 10 लोगों को नौकरी दी जाएगी.
ममता के आने से पहले लगे CCTV
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आने से पहले बीरभूम के रामपुरहाट में पुलिस फोर्स तैनात गई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. इसके लिए रामपुरहाट में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी. हेलीपैड जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरा, वहां आसपास सीसीटीवी लगाए गए.
हिंसा प्रभावित इलाके में भी लगे CCTV कैमरे
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को 24 घंटा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हिंसा प्रभावित इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि, सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए. साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए. इसके अलावा जहां इस हिंसा को अंजाम दिया गया, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि, इसके लिए कैमरे लगाए जाएं. हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक घटनास्थल पर 24 घंटे कैमरे से निगरानी रखी जाएगी.
शासन पर एक धब्बा है यह घटना: राज्यपाल
वहीं बीरभूम हिंसा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है और शासन पर एक धब्बा है. लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है. राज्यपाल ने कहा कि मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाय सबक सीखने की अपील करता हूं.