भारत में रूसी दूतावास (Russian Embassy in India) ने यूएनएससी (UNSC) में किए गए मतदान में भारत की स्वतंत्र और संतुलित स्थिति की सराहना की है. साथ ही कहा कि विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना में रूस यूक्रेन (Ukraine) के आसपास की स्थिति पर भारत के साथ घनिष्ठ संवाद बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले भारत ने यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की निंदा वाले प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया और बीच का कोई रास्ता निकालने तथा बातचीत व कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने का विकल्प खुला रखा है.
हालांकि भारत ने प्रस्ताव पर मतदान से परहेज तो किया है, लेकिन साथ ही देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान भी किया और हिंसा व शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की मांग की. दरअसल यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान हुआ, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया. सुरक्षा परिषद में ये प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था. ये प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका क्योंकि परिषद के स्थाई सदस्य रूस ने इस पर वीटो किया.
Highly appreciate India’s independent and balanced position at the voting in the UNSC on Feb 25. In the spirit of the special and privileged strategic partnership, Russia is committed to maintain close dialogue with India on the situation around Ukraine: Russian Embassy in India
— ANI (@ANI) February 26, 2022
‘मतभेदों और विवादों के समाधान का एकमात्र रास्ता है बातचीत’
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ये भी बताया कि वो सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और उसने उनसे बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि मतभेदों और विवादों के समाधान का एकमात्र रास्ता बातचीत है और मानव जीवन की कीमत पर कभी कोई समाधान नहीं निकल सकता. प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने पर भारत ने एक्सप्लानेशन ऑफ वोट जारी किया, जिसमें उसने कूटनीति के रास्ते पर वापस लौटने की अपील की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया था.