
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को यूरोप के प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचेगा तो पूरा यूरोप नहीं बचेगा. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘चुप मत रहें. सड़कों पर निकलें. यूक्रेन का समर्थन करें. हमारी स्वतंत्रता का समर्थन करें. यह न केवल रूसी सैनिकों पर जीत होगी, यह अंधेरे पर प्रकाश की जीत होगी. बुराई पर अच्छाई की जीत होगी. यूक्रेन की सरजमीं पर अब जो कुछ हो रहा है, उस पर आजादी की जीत होगी.’ जेलेंस्की ने आगे कहा, अगर युद्ध में यूक्रेन लड़खड़ाता है तो पूरा यूरोप लड़खड़ा जाएगा और इस युद्ध में अगर हम जीतते हैं तो यह लोकतंत्र की बड़ी जीत होगी, हमारे मूल्यों के लिए स्वतंत्रता की जीत होगी. मुझे अपने लोगों पर विश्वास है, मुझे आप पर विश्वास है.’
जेलेंस्की ने नाटो से यूक्रेन को no-fly zone घोषित करने का किया था आग्रह
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो (NATO) से आग्रह किया है कि उनके देश के ऊपर के वायु क्षेत्र को ‘नो फ्लाई जोन’ (no-fly zone) घोषित किया जाए. नाटो का कहना है कि ऐसा ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित करने से यूक्रेन के ऊपर सभी गैर अधिकृत विमानों पर पाबंदी लग जाएगी. जिससे परमाणु अस्त्रों से लैस रूस के साथ यूरोपीय देशों की बड़े स्तर पर जंग छिड़ जाएगी.
पुतिन ने NATO को धमकाया
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को एक बार फिर एटमी वॉर की धमकी दी है. पुतिन ने महिला पायलट्स के साथ मीटिंग में ये धमकी दी है. उन्होंने कहा कि हमारी न्यूक्लियर फोर्स हाई अलर्ट पर हैं. पुतिन ने ब्रिटिश मंत्री के हवाले से नाटो (NATO) को धमकाया है. उन्होंने कहा कि नाटो युद्ध में शामिल हो सकता है. वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित करना युद्ध के ऐलान जैसा है. बता दें कि इससे पहले नाटो ने कहा था कि वो यूक्रेन को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित कर सकता है.
रूस और यूक्रेन के जंग का 10वां दिन, 12 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 10वां दिन हैं. इस युद्ध में न तो पुतिन पीछे हट रहे हैं और न ही यूक्रेन के राष्ट्रपति हार मानने को तैयार हैं. ऐसे यह संघर्ष कब तक चलेगा, इसका कोई अता पता नहीं है. दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग की वजह से लाखों की संख्या में लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है. युद्ध की वजह से अभी तक 12 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया है. ये देश की कुल आबादी का दो फीसदी हिस्सा है. यूक्रेन छोड़ने वाले इन लोगों में अधिकतर लोग बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, क्योंकि देश की 18-60 उम्र की पुरुषों की आबादी के देश छोड़ने पर रोक लगाई गई है.