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देवबंद में छाया ATS कमांडो सेंटर का मुद्दा, दारुल उलूम से जुड़े लोग बोले- योगी कुछ भी खोलें हम क्यों डरेंगे

यूपी विधानसभा चुनाव के बीच देवबंद में एटीएस का मुद्दा काफी छाया हुआ है. इस्लामिक शिक्षण संस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि सीएम योगी देवबंद में कुछ भी खोलें, वे लोग क्यों डरेंगे. उनका कहना है कि अगर एंटी टेरेरिस्ट स्कॉयड से अगर लोगों की सुरक्षा होती है तो ये अच्छी बात है. उन लोगों ने साफ किया कि दारुल उलूम पर अगर कोई भी हमला हुआ तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. एटीएस स्कायड खोले जाने को लेकर देवबंद के एक टायर बेचने वाले विनोद कुमार त्यागी ने कहा कि सीएम योगी एक महात्मा हैं. वह दोबारा सीएम पद पर काबिज होंगे. उन्होंने कहा कि करीब 40 फीसदी मुस्लिम भी सीएम योगी को वोट देंगे.

अमर उजाला की खबर के मुताबिक दारुल उलूम (Daeul Ulum) के पदाधिकारियों के मुताबिक 1857 की जंग में नाकामी के बाद दारुल उलूम ने 1866 में मदरसे की बुनियाद रखी थी. वहीं मदरसे के लोगों का कहना है कि दारुल उलूम संस्थान से अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की गई. उनका कहना है कि देश की आजादी की जंग में इस संस्थान की अहम भूमिका रही. संस्थान से जुड़े लोगों का कहना है कि देश के लोगों को गुलामी का एहसास कराने के लिए उनके उलेमा ने तहरीक ए रेशमी रुमाल’ शुरू किया था. उनका कहना है कि आज मदरसे में करीब 7-8 देशों के बच्चे पढ़ते हैं.

‘पाकिस्तानी छात्रों पर प्रतिबंध’

पदाधिकारियों का कहना है कि इस्लामिक यूनिवर्सिटी में आज करीब तीन से चार देशों के बच्चे मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन की वजह से सरकार बाहरी छात्रों को वीजा नहीं दे रही है. मौलवी सईद के मुताबिक मदरसे के छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जामिया में जाते हैं. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में भी इन छात्रों को रिजर्वेशन मिलता है. उन्होंने बताया कि मदरसे के बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए जेएनयू और डीयू में भी जाते हैं. उन्होंने बताया कि मदरसे में पढ़ने के लिए अफगानिस्तान और बांग्लादेश से बच्चे आते हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी बच्चों की यहां पढ़ाई पर रोक है.

दारुल उलूम पर हमले के लिए सरकार जिम्मेदार

दारुल उलूम में एंटी टेरेरिस्ट स्कायड शुरू करने की खबरों पर संस्थान से जुड़े अब्दुल सलाम ने कहा कि अगर यहां पर कोई हमला या नुकसान होता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हमले को देखते हुए एटीएस स्कायड खोलने का फैसला लिया है तो इसके लिए वह सीएम योगी का शुक्रिया अदा करते हैं. उन्होंने कहा कि एटीएस ऑफिस खोले जाने को लेकर इन दिनों सियासत काफी गरमाई हुई है. संस्थान से जुड़े अब्दुल सलाम ने कहा कि दारुल उलूम के उलेमा देश की आजादी के लिए फांसी पर लटक गए. उन्होंने कहा कि अगर उलेमा फांसी पर नहीं लटकते तो देश आजाद नहीं होता. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में महंगाई बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सरकार को फ्री राशन देने की बजाय महंगाई कम करनी चाहिए.

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