सपा सांसद ST हसन ने सेंगोल का किया विरोध, कहा- ये तो मजहबी निशान है

भारत के नए संसद भवन को लेकर सियासत गरमाई हुई है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना है, जिसको लेकर विपक्षी दलों के नेता हमलावर हैं. उनका कहना है कि उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नजरअंदाज करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. वहीं, संसद भवन के उद्घाटन के दौरान ‘सेंगोल’ को भी स्थापित किया जाएगा. इसको लेकर भी विरोध शुरू हो गया है. सपा सांसद ने एसटी हसन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सपा सांसद एसटी हसन ने ‘सेंगोल’ को एक मजहबी सिंबल करार दिया है. एसटी हसन ने कहा कि अगर आपको लगाना (मजहबी सिंबल) है तो सारे मजहबों का कोई चिह्न वहां लगना चाहिए, ताकि और मजहब के मानने वाले लोगों को ये एहसास हो. देश की संसद में सबका बराबर का हक है. अगर किसी एक धर्म का धार्मिक चिह्न संसद भवन में लगता है तो दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत होंगी और उनका दिल टूटेगा.
इन दलों ने जताया विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 पार्टियों ने संसद के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम की बहिष्कार की बात कही है. इन पार्टियों में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी और तृणमुल कांग्रेस शामिल हैं. साथ ही शिवसेना (यूबीटी),झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), समाजवादी पार्टी (एसपी) और सीपीआई ने भी बहिष्कार की बात कही है. इसके अलावा जदयू, एनसीपी, राजद सहित अन्य पार्टियों ने उद्घाटन समारोह कार्यक्रम की बहिष्कार की बात कही है.
इन दलों का मिला समर्थन
आज से दो दिन बाद 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. नया संसद भवन चार मंजिला है, जहां पर 1200 से अधिक सांसद बैठ सकेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करना चाहिए. हालांकि, उद्घाटन समारोह में बीजू जनता दल (BJD), वाईएसआर कांग्रेस , तेलुगु देशम पार्टी सहित अन्य पार्टियों ने शामिल होने की बात कही है.