जीरो टोलरेंस पर एसपी अमेठी की बड़ी कार्यवाही।

एसपी अमेठी डॉ० इलामारन G. 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। यह स्वतंत्र रूप से प्रथम पोस्टिंग पर अमेठी जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं। यह दक्षिण भारत के तमिलनाडु के रहने वाले हैं। इनकी छवि बेहद ईमानदार अधिकारियों में शुमार है। कर्तव्यों के प्रति उदासीनता, लापरवाही एवं घूसखोरी जैसे शब्द इनकी डिक्शनरी में है ही नहीं। इस प्रकार के प्रकरण सामने आते ही तत्काल प्रभाव से उस पर कार्यवाही निश्चित रूप से करते हैं। जैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टोलरेंस की नीति को लेकर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। ठीक उन्हीं के नक्शे कदम पर अमेठी पुलिस अधीक्षक के द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण अभी देखने को मिला है । जिले के फुरसतगंज थानाध्यक्ष रामराज कुशवाहा के छुट्टी पर चले जाने के चलते थाने पर तैनात दरोगा मंजीत सिंह इंचार्ज थानाध्यक्ष बने थे। उसी समय थाना क्षेत्र के एक गांव से विवाद होने की खबर आई जिसको इंचार्ज थानाध्यक्ष महोदय ने गंभीरता से नहीं लिया और पुलिस पार्टी को सक्रिय नहीं किया। जिसके फलस्वरूप दो पक्षों में मारपीट हो गई। इस बात की सूचना जैसे ही पुलिस अधीक्षक महोदय को लगी तत्काल उन्होंने इंचार्ज थानाध्यक्ष के जांच की फाइल खोलकर जांच अपर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार को सौंपी। इस मामले में एडिशनल एसपी में पीड़ित को बयान लेने के लिए बुलाया और उसका बयान लिया। जिससे नाराज इंचार्ज थाना अध्यक्ष मनजीत सिंह ने पीड़ित महिला को थाने पर उसके साथ गाली गलौज करते हुए डराया और धमकाया । यही नहीं दरोगा मनजीत सिंह ने यह भी कहा कि मैं डेढ़ लाख रुपए महीने कमाता हूं मुझसे कौन कितना दिन लड़ेगा। साथ ही आरोपी दरोगा के द्वारा रूपए पैसे के लेनदेन की बात की गई। पीड़ित के द्वारा दरोगा मनजीत सिंह के द्वारा कहे गए अपशब्द और रुपए के लेनदेन के मामले को फोन से रिकॉर्ड कर लिया गया और उसे वायरल कर दिया गया। जैसे ही वायरल ऑडियो पुलिस अधीक्षक महोदय के पास पहुंची तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए सीओ तिलोई को जांच के लिए सौंपा और जांच में प्रथम दृष्टया ऑडियो सही पाया गया जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने दरोगा मनजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। फेस जांच अपर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार को सौंप दिया है। पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया कि जनपद अमेठी में जिले के सभी रैंकर्स पुलिसकर्मियों को लगातार ब्रीफिंग कर यह बताया जाता है कि उन्हें पब्लिक के साथ कैसा व्यवहार करना है और किस प्रकार कार्यवाही करनी है फिर भी इससे हटके जिनके द्वारा गलत कार्य किया जाता था उनके खिलाफ निश्चित रूप से कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।