उत्तर प्रदेशलखनऊ

नगरीय विकास का मॉडल होगी श्रीराम की नगरी अयोध्याः सीएम योगी

  • योगी ने की अयोध्या नगर महायोजना 2031 की तैयारियों की समीक्षा, बोले- श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में लागू होगा कॉमन बिल्डिंग कोड
  • -त्रेतायुगीन ऋषियों, विदुषी नारियों व अन्य महान चरित्रों के नाम पर होंगे अयोध्या में चौराहों के नाम

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या नगर महायोजना 2031 तैयार करने के कार्यों में अब तक की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए अयोध्या को ‘नगरीय विकास के मॉडल शहर’ के रूप में विकसित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप धर्मनगरी अयोध्या का समग्र विकास सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। देश-दुनिया के लोग ‘दिव्य, भव्य, नव्य अयोध्या’ के दर्शन को आतुर हैं। अधिकारियों को निर्देश देते हुए योगी बोले कि अयोध्या के विकास के लिए 84 कोसी शास्त्रीय सीमा को आधार बनाएं। अयोध्या विजन डॉक्यूमेंट में तय कार्ययोजना का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के सुस्थिर विकास के लिए नियोजित कार्ययोजना का बड़ा महत्व है। वर्तमान में करीब साढ़े पांच लाख की नगरीय आबादी वाले अयोध्या नगर की जनसंख्या वर्ष 2031 तक 11-12 लाख होने का अनुमान है। यहां देश-दुनिया से श्रद्धालुओं-पर्यटकों का भी आवागमन बढ़ रहा है। ऐसे में भविष्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए इस महत्वपूर्ण नगर की महायोजना तैयार की गई है। धर्मनगरी अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव के अनुरूप ही इसे नगरीय विकास के मॉडल शहर के रूप में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित करने के लिए हम सभी को समन्वित प्रयास करना होगा।

अपने निर्देशों में सीएम ने कहा कि नगरीय महायोजना भावी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक के रूप में कार्य करती है। महायोजना के मूल में ईज़ ऑफ लिविंग के महत्वपूर्ण संकल्प को आधार बनाएं। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों में कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाना उचित होगा। एक जैसे भवन, एक रंग के भवन होने से यह उस महत्वपूर्ण क्षेत्र को और सौंदर्य प्रदान करने वाला होगा। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

साथ ही अयोध्या चौक विकास की कार्ययोजना में अयोध्या की संस्कृति, लोकाचार, यहां के महान इतिहास और यहां के विकास से संबंधित भविष्य की महत्वाकांक्षी रूपरेखा के बीच सामजंस्य होना चाहिए। यहां के सभी चौराहों के नाम त्रेतायुगीन ऋषियों, विदुषी नारियों, रामायण के महान चरित्रों के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव तैयार करें। अयोध्या नगर के नियोजित विकास को सुनिश्चित करने के लिए विकास कार्यों की प्राथमिकता का निर्धारण किया जाना आवश्यक है। महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न क्षेत्र के जोनल प्लान तैयार किए जाने होंगे। शुरुआती समय में ही इन क्षेत्रों के जोनल प्लान तैयार कर विकास को नियोजित दिशा प्रदान की जाए तो वहाँ पर अनाधिकृत निर्माण पर नियंत्रण हो सकेगा। इसके लिए जोनल प्लान तैयार किए जाएं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या नगर की सीमा के अन्तर्गत विभिन्न उपयोगों के लिए पर्याप्त भूमि के क्षेत्रफल को निर्धारित कर नगर के भावी भौतिक विकास के स्वरूप के अनुसार नगर में विभिन्न भू-उपयोगों के प्रावधान आवश्यक है। संतुलित विकास हेतु विभिन्न आय वर्गों के लिए भावी आवासीय व विभिन्न क्षेत्र के सामुदायिक सुविधाओं, उपयोगिताओं व सेवाओं का प्राविधान किया जाना चाहिए। वहीं, अनियोजित/अनियंत्रित विकास को रोकने को लेकर भी सीएम ने कड़े निर्देश दिए और कहा कि ऐसी गतिविधियां स्वीकार नहीं की जाएंगी।

इसके अलावा, अयोध्या को क्लाइमेट फ्रेंडली शहर बनाने को लेकर योगी ने कहा कि सरयू में चलने वाली बोट, स्टीमर आदि ग्रीन फ्यूल आधारित होना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही श्रीरामजन्मभूमि परिसर के आस-पास इको फ्रेंडली वाहनों को प्रोत्साहित किया जाए। महायोजना में नगर के यातायात एवं परिवहन की सुगम व सुचारु व्यवस्था के प्राविधान के साथ औद्योगिक एवं व्यवसायिक क्षेत्रों का प्राविधान किया गया है।

इसका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित नगर के भीतर पार्किंग के सुव्यवस्थित इंतजाम हों। वहीं, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों की सुविधा के लिए उनके वाहनों को ऑफ सीजन में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर से अधिकतम 02 किलोमीटर पूर्व और पर्व-त्योहारों के अवसर पर अधिकतम 05 किलोमीटर पहले ही पार्किंग की सुविधा दी जानी चाहिए। इसके बाद शटल बस, इलेक्ट्रिक वाहन की सुविधा उपलब्ध रहे। इस संबंध में बेहतर कार्ययोजना तैयार करें।

इसके अलावा, महायोजना के अन्तर्गत श्रीराम जन्मभूमि के आस-पास के क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग के रूप में प्रस्तावित किया जाए। यहां के प्राचीन कुंडों के संरक्षण की कार्ययोजना समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या महायोजना 2031 के अन्तर्गत अयोध्या शहर में आने वाले मार्गों लखनऊ रोड, सुलतानपुर रोड, रायबरेली रोड, अम्बेडकर नगर रोड, गोरखपुर रोड तथा गोंडा रोड पर 6 प्रवेश द्वार के निर्माण हेतु स्थलों का चयन कर समस्त मार्गों पर ट्रान्सपोर्ट सुविधाओं को चिन्हित किया जाए।

मुख्यमंत्री के अन्य निर्देशों में मुख्यत: अयोध्या में 24×7 पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए वाटर एक्शन प्लान तथा वाटर बैलेन्स प्लान तैयार कराया जाए। साथ ही, सीवर नेटवर्क को भूमिगत किए जाने तथा अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने का कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाए। ग्रीनफील्ड टाउनशिप, अयोध्या से सम्बंधित विकास कार्यों का शुभारम्भ यथाशीघ्र कराया जाए। आवास

विकास परिषद से इस संबंध में तेजी की अपेक्षा है। वर्तमान में अयोध्या में 12 एमएलडी की क्षमता वाला एक उपचार संयंत्र है, जो केवल अयोध्या क्षेत्र की करीब सवा लाख आबादी के लिए पर्याप्त है, लेकिन 2031 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार 109.95 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता होगी। अयोध्या में बंधे के नियकत जमथरा क्षेत्र में 33 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित है। विद्यमान 12 एमएलडी एसटीपी की क्षमता को बढ़ाते हुये 18 एमएलडी किया जाए। संपूर्ण विकास क्षेत्र में सीवर नेटवर्क को भूमिगत किया जाए।

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