राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर संवेदीकरण कार्यशाला संपन्न
लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जवाहर भवन स्थित सभागार में डेंगू रोग की रोकथाम व नियंत्रण के प्रति जागरुकता फैलाने के दृष्टि से संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें डेंगू के प्रसार, बचाव एवं उपचार संबंधी उपकरण प्रदर्शित किए गए। निदेशक संचारी रोग डॉ एके सिंह ने बताया की डेंगू रोग को जड़ से मिटाने के लिये जन-समुदाय की सहभागिता बहुत आवश्यक है।
उन्होंने गोदरेज की ओर से वित्त पोषित कार्यदाई संस्था पाथ-सीएचआरआई एवं एम्बेड का डेंगू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए किये जा रहे सहयोग पर आभार जताया। उन्होंने ग्राम स्तर व कलस्टर वाले क्षेत्रों – रेलवे/बस स्टेशन , घर की महिलाओं, स्कूल के छात्रों तथा ऐसे सफाई कर्मी जो मच्छर जनित क्षेत्रों में कार्य करते हैं, का संवेदीकरण करने का अनुरोध किया।
अपर निदेशक मलेरिया डॉ वीपी सिंह ने डेंगू रोग से बचने के उपायों को पूर्ण निष्ठा से सम्पादित करने का आग्रह किया। कार्यदायी संस्था एम्बेड ने युवा वालिन्टियर्स के जरिए डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए जन-जागरण करने के लिए नाटक का मंचन किया गया। नाटक का मंचन देख निदेशक डॉ सिंह ने सुझाव दिया कि जागरुकता संबंधी ऐसी गतिविधि कलस्टर वाले क्षेत्रों – रेलवे/बस स्टेशन आदि पर भी की जाए।
वहीं डॉ विकास सिंघल, संयुक्त निदेशक मलेरिया ने भारत सरकार की ओर से तय इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम Harness Partnership to defeat Dengue के बारे में अवगत कराया। उन्होंने सभी से डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए अपील की। उन्होंने बताया कि देश में डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस का आयोजन किया जाता है।
सभी की कोशिश होनी चाहिए कि समाज के हर कोने में मच्छर जनित रोगों के प्रति जागरूकता फैले। मच्छर जनित परिस्थितियों को पहचान कर उन्हें नष्ट किया जाए। कहीं भी पानी के ऐसे स्रोत न बनने पाए कि उसमें मच्छर प्रजनन न कर सकें।
इस दौरान डॉ जितेन्द्र तिवारी, चिकित्साधिकारी, सुदेष कुमार, समीउल्लाह खान एवं पाथ संस्था के राष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ अचिन्त्य श्रीवत्स व डॉ अभिजीत शर्मा पाथ-सीएचआरआई राज्य के प्रतिनिधि डॉ शिवानी सिंह, डॉ अमृत शुक्ला एवं राहुल कुमार भी मौजूद रहे।