भारतीय संस्कृति की अलख जगा रही है संस्कार भारती: रजनीकांत
- बाल गोकुलम व सम्मान समारोह
- सांस्कृतिक कार्यक्रम कजरी, बधाई, भजन, नृत्य देख मुग्ध हुए लोग
कुशीनगर। संस्कार भारती द्वारा बुद्ध स्थली स्थित एक होटल में बाल गोकुलम के तहत श्रीकृष्ण बाल रूप सज्जा, गुरु सम्मान व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। विभिन्न क्षेत्र में योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक कुशीनगर रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
प्रतियोगिता में शिशु वर्ग में विहानिका चौरसिया, अक्षत पाठक, राजबीर, कृष, आद्विक, बीरा, आद्विक मद्धेशिया और तरुण वर्ग में आराध्या पाठक, जिज्ञासा, अभिलाषा, समर्थ, आराध्या जायसवाल, आयुष, अर्थव, एंजल, आरकेश, अंशिका, आहिल ने श्रीकृष्ण के भिन्न रूपों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
बच्चों की भगवान श्रीकृष्ण की मोहक चावी ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। इधर, सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत ध्येय गीत हुई। फिर, सौम्या ने क्लासिकल डांस, लावण्या ने ”अधरम अधरम”, अंशिका ने राधाकृष्ण, आन्या ने श्रीकृष्ण हरे मुरारी, यशी तिवारी ने मेरे बांके बिहारी तो शिवानी-अंशिका ने नृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। इस दौरान भजन का भी दौर चला और बूढे बुजुर्गों ने भक्तिभाव में जमकर डुबकी लगाई।
इन्हें मिला सम्मान
इस दौरान शिक्षा, चिकित्सा और समाज विविध क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए आचार्य डॉ उग्रसेन प्रताप शाही, डॉ रामजी लाल श्रीवास्तव, डॉ उमाकांत राय, डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह, शिवदत्त नारायण सिंह, रामाशीष शुक्ला, सुरेंद्र प्रसाद चन्द, रामदयाल पटेल, चंद्रिका, भन्ते महेंद्र, आचार्य धर्म रक्षित, एडवोकेट आरके शाही को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह, प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की सराहना करते हुए पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि योगिराज श्रीकृष्ण ने समय-समय पर विविध रूप धारण कर बुराइयों का नाश किया। उनकी बाल लीलाएं मन भावन और जगत कल्याणकारी थी। संस्कार भारती पूरे देश में लगभग तीन दशक से भारतीय संस्कृति की अलख जगा रही है। ऐसे कार्यक्रम से लोक परम्परा आगे बढ़ेगी।