राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, जायस, अमेठी को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2023 में 79 वां स्थान प्राप्त

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2023 में राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), जायस, अमेठी को अभियांत्रिकी वर्ग में देश में 79वां स्थान मिला है। विगत वर्ष 2022 की रैंकिंग में संस्थान को 182वां स्थान प्राप्त हुआ था। आरजीआईपीटी, उत्तर प्रदेश के जनपठ अमेठी में संचालित अपने मुख्य केन्द्र से बी. टेक, एम.टेक., एमबीए तथा पीएचडी पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है।राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2023 में देश के सभी अभियांत्रिकी संस्थानों में 79वां स्थान हासिल करने की खबर मिलते ही आरजीआईपीटी के जायस, बंगलुरु और शिवसागर स्थित परिसरों में उत्साह का माहौल छा गया । सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर आरजीआईपीटी की इस ऊंची छलांग के लिए बधाई संदेशों की भरमार है । शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग सूची में आरजीआईपीटी के अलावा उत्तर प्रदेश के मात्र 06 संस्थानों ने स्थान प्राप्त किया है। यह सब संस्थान के निदेशक आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा के करिश्माई नेतृत्व का ही परिणाम है, जिन्होंने अपने व्यापक शैक्षणिक अनुभव, संपर्कों और प्रशासनिक कौशल का उपयोग करते हुये, न केवल संस्थान के बुनियादी ढांचे का विकास किया बल्कि सरकार के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुरूप संस्थान में कई नए शैक्षणिक पाठ्यक्रम भी आरम्भ किये। उनके द्वारा किये गये अथक प्रयासों के फलस्वरूप ही आज आरजीआईपीटी के तीनों परिसर शैक्षणिक जीवंतता से परिपूर्ण हैं।संस्थान के निदेशक आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने अपने संदेश में बताया कि संस्थान ने इंजीनियरिंग श्रेणी में अपनी रैंकिंग में अप्रतिम सुधार करते हुये 2022 के अपने पिछले 182वें स्थान से काफी ऊंची छलांग लगाई है। हमारे संकाय सदस्यों द्वारा किए गए उन्नत शोध कार्यों ने रैंकिंग में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही हमारा पूर्ण प्रयास संस्थान को अगली एनआईआरएफ रैंकिंग सूची में शीर्ष के 50 संस्थानों में शामिल कराने तथा निरन्तर आगे बढ़ते रहने का है।अस्तित्व में आने के पन्द्रह वर्षों के भीतर ही आरजीआईपीटी का एनआईआरएफ सूची में 79वें स्थान पर पहुंचना संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि है । बेहतर होती यह रैंकिंग बाह्य शोध निधियां प्राप्त करने के विभिन्न अवसरों हेतु रास्ते भी खोलेगी।