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संकल्प पत्र में शामिल योजनाओं को धरातल पर उतारने को जुटें अधिकारी : केशव मौर्य

  • उप मुख्यमंत्री ने दिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार सृजन के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल योजनाओं को धरातल पर उतारने हेतु अभी से जुट जाएं। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार सृजित किए जाएं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं को लक्ष्य निर्धारित कर उसी के अनुरूप कार्य किया जाये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास की समस्त योजनाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक से अधिक हो।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह स्वयं लगातार फिल्ड वर्क करते हैं, ऐसे में अधिकारियों से भी फिल्ड वर्क की अपेक्षा है। साथ ही सभी कार्यालय समय से खुलने चाहिए और समस्त अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंचे। उप मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक विशेष अभियान चलाकर इसकी मॉनिटरिंग निदेशालय स्तर से करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा भी जनपदों में औचक रूप से जाकर इसका निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्यालयों से निकलकर जनपदों में जाकर योजनाओं की समीक्षा करते हुए कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। यह भी कहा कि गुणवत्ता के विपरीत कार्य पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों का उत्तर दायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही भी की जाये। उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रावली अनावश्यक रूप से किसी भी स्तर पर रुकनी नहीं चाहिए। उन्होंने जनहित में पत्रावलियों को समय से निस्तारित करने को कहा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मेरी स्वतः मंशा है कि गांव का विकास बड़े स्तर पर किया जाये। उन्होंने कहा कि विकास तो हुआ है लेकिन अभी हमारे पास और अधिक विकास करने का अवसर है। इसलिए सभी अधिकारी एकजुटता के साथ ग्राम्य विकास की समस्त योजनाओं को जन-जन तक ले जायें। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश की आबादी को ध्यान में रखकर योजनाओं को धरातल पर ले जायें ताकि विकास सही दिशा में हो और इसका लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को प्राप्त हो। उन्होंने मनरेगा के श्रमिकों को बाजार दर के बराबर मजदूरी देने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के साथ बैठकर निर्णय कराया जायेगा।

उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार योजना के अन्तर्गत ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने का निर्देश दिया। महिलाओं को रोजगार में प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक दशा में 15 दिन के अन्दर भुगतान करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया। उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत वृहद रूप से वृक्षारोपण कराने का निर्देश देते हुए उन्हें संरक्षित करने हेतु तारबंदी और घेरा बनाने को भी कहा। इन वृक्षों की रखवाली के लिए चौकीदार की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया। गांवों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल के मैदान बनाने का निर्देश दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतीराज व मनरेगा के कंवर्जेंश के माध्यम से बने पंचायत भवन जनउपयोगी हो सकें, इसके लिए दोनों विभागों के अधिकारी सामंजस्य स्थापित करें। उन्होंने कहा कि इन भवनों का निर्माण जनहित के लिए होता है इसलिए ध्यान रखा जाए कि जनता का पैसा व्यर्थ न हो।

नदियों के पुनरुद्धार के संबंध में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए किये जा रहे कार्यों को और गति दी जाये तथा एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाये ताकि लुप्तप्राय हो रही नदियों के अस्तित्व को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि नदियों मनुष्य की सभ्यता की परिचायक हैं इसलिए इन्हें संरक्षित करना भी मनुष्य का कार्य है। उन्होंने इन्हें संरक्षित करने के लिए आम जनमानस को भी जोड़ने का निर्देश दिया। मनरेगा की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने पशु शेड के निर्माण पर जोर दिया। कहा कि पशु शेड का निर्माण अधिक से अधिक संख्या में किया जाये ताकि कोई भी व्यक्ति पशुओं को खुला न छोड़ें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार विकसित करने हेतु केन्द्रित होकर अधिकारी कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धरातल पर जाकर व्यावहारिक कार्य करें ताकि प्रदेश की योजनाओं का लाभ जनता को सीधे मिल सके। महिला मेठों को गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने की भी बात कही।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं को पूरा करने हेतु धनराशि की कमी आड़े नहीं आयेगी। उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक समूहों का गठन करना और उनके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराने पर भी उन्होंने बल दिया। यह भी कहा कि महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को बड़े पैमाने पर बाजार उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि टीएचआर के अन्तर्गत हो रहे कार्यों को और विस्तार दिया जाये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक सखी, समूह सखी तथा विद्युत सखियों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसलिए प्रोत्साहित करने के लिए उनका सम्मान भी किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की संकल्पना है, अतः इस पर विशेष ध्यान देकर कार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि नवीन तकनीक (एफडीआर) से बन रहे मार्गों पर 20 प्रतिशत लागत कम हो रही है। साथ ही ये सड़कें पर्यावरण के अनुकूल व अत्यधिक टिकाऊ साबित हो रही हैं। इसलिए अधिक संख्या में मार्गों का निर्माण नवीन तकनीक से होना चाहिए। इस कार्य को उन्होंने पूरे प्रदेश में कराने का निर्देश दिया।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 26 लाख 16 हजार आवास बनाने का लक्ष्य मिला है, जिसके सापेक्ष 25 लाख 22 हजार घर बनाया जा चुका है। 94 हजार घर बनाये जाने के लिए शेष हैं, जिसे जून तक पूर्ण कर लिया जायेगा। वर्ष 2022-23 के लिए कुल प्रधानमंत्री आवास योजना में 13 लाख आवास की मांग भारत सरकार से की गयी है। इसके लिए भारत सरकार को शीघ्र पत्र भेजने का निर्देश दिया। भविष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थियों से फीडबैक लेने के लिए भी अधिकारियों को उन्होंने निर्देशित किया।

श्री मौर्य ने आवास प्लस की वेबसाइट पुनः खोलने के लिए भारत सरकार को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये ताकि छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को सूची में सम्मिलित की जा सके। उन्होंने कहा कि गांव में पात्रता सूची को सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाो। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने विभाग की पांच वर्षों की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए आगामी 100 दिन की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। समीक्षा बैठक में महानिदेशक एसआईआरडी वेंकटेश्वर लू, ग्राम्य विकास आयुक्त बीके सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी व मिशन निदेशक भानुचन्द्र गोस्वामी एवं अपर आयुक्त मनरेगा द्वारा विभागीय योजना को प्रस्तुत किया गया।

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