‘ऋषि सद्साहित्य मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की कला सिखाता है‘‘: उमानंद शर्मा
- गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 425वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘आर्यकुल कालेज ऑफ मैनेजमेन्ट गौरी-बिजनौर रोड, लखनऊ’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 425वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रीय कार्यकर्ता सर्वश्री शिव प्रसाद सिंह, अरूण कुमार सिंह, डॉ. संजय सिंह, उत्कर्ष सिंह (पौत्र) ने अपने पूज्य माता-पिता एवं दादा-दादी स्व. गुलाब देवी सिंह एवं स्व. रामसूरत सिंह की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षों एवं मैनेजमेन्ट के अधिकारीगणों को (हिन्दी) अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ‘‘ऋषि का सद्साहित्य मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की कला सिखाता है।’’ श्री शिव प्रसाद सिंह, संस्थान रजिस्ट्रार श्री सुरेश तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये एवं आर्य टी.वी. मीडिया के हेड डॉ. अजय शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया।
इस अवसर पर उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, श्री शिव प्रसाद सिंह, एवं संस्थान के प्रबन्ध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह, उपनिदेशक फार्मेसी डॉ. आदित्य सिंह, आर्य टी.वी. के हेड डॉ. अजय शुक्ला, उपनिदेशक (शिक्षा) डॉ. अंकिता अग्रवाल, रजिस्ट्रार श्री सुरेश तिवारी सहित विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थीं।