उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 1.75 लाख करोड़ रुपए का निवेश

  • -आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर योगी सरकार का प्राइम फोकस, अपार संभावनाओं के साथ बेहतर भविष्य की उम्मीद
  • -97 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के एमओयू पर हुए हस्ताक्षर, 78 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव पाइपलाइन में
  • -योगी सरकार ने विभाग को दिया था सबसे ज्यादा 1.60 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य
  • -परियोजनाओं के शुरू होने पर 13.5 लाख से ज्यादा सृजित हो सकते हैं रोजगार के अवसर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर गेम चेंजर की भूमिका में है। योगी सरकार इस सेक्टर को अपार संभावनाओं वाला सेक्टर मानकर भविष्य की तैयारियों में जुटी है। अगले माह राजधानी लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने प्रदेश में 17 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट को सबसे ज्यादा 1.60 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया है।

सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विभाग ने 10 जनवरी 2023 तक 1.75 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिए हैं। इनमें से 97 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू भी हो चुके हैं। वहीं 78 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव एमओयू की दिशा में प्रक्रियाधीन हैं। विभाग को कुल 148 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें से 135 प्रस्तावों को एमओयू में तब्दील किया जा चुका है। इन एमओयू के धरातल पर उतरने से प्रदेश के लाखों युवाओं और आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपर्ट्स को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

और अधिक निवेश और रोजगार की संभावनाएं

निवेश सारथी पोर्टल पर विभाग से संबंधित डेटा के अनुसार जिन 135 प्रस्तावों को एमओयू में परिवर्तित किया गया है, उनके माध्यम से प्रदेश में 13 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं जो प्रस्ताव अभी प्रक्रिया के दौर में हैं उनके माध्यम से भी 5 हजार से अधिक रोजगार मिलेंगे।

कुल मिलाकर इस सेक्टर में फिलहाल 13.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर मिलने जा रहे हैं। अभी कई प्रदेशों और प्रदेश के कई शहरों व मंडलों में टीम योगी के रोड शो व निवेशक सेमिनार होने हैं। निश्चित तौर पर न सिर्फ इस सेक्टर में निवेश के आंकड़े बढ़ेंगे, बल्कि रोजगार के अवसरों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

शहर ही नहीं, गांव और कस्बे भी होंगे लाभान्वित

इस सेक्टर में होने वाले निवेश का फायदा सिर्फ बड़े शहरों या टेक फ्रेंडली युवाओं को ही नहीं मिलेगा, बल्कि गांव और कस्बों के साथ ही कृषि जैसे साधनों को भी इससे भरपूर फायदा होगा। उदाहरण के तौर पर इंफोटच टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. की ओर से 78 हजार करोड़ रुपए की लागत से एक परियोजना की शुरुआत के लिए एक एमओयू दाखिल किया गया है।

इस निवेश के माध्यम से लगने वाली परियोजना का उद्देश्य डाटा स्टोरेज, डाटा माइनिंग, डाटा-एनालिटिक्स और डाटा विजुअलाइजेशन से युक्त हाई-टेक नेक्स्ट-जेन बिग डाटा टेक्नोलॉजी परियोजना के माध्यम से राज्य के भीतर आईटी/आईटीईएस परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिए एक अत्याधुनिक आईटी अवसंरचना विकसित करना है।

इसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में 10,000 ड्रोन के माध्यम से डेटा उत्पन्न किया जाएगा। ये ड्रोन विभिन्न कृषि गतिविधियों जैसे एरियल जियो मैपिंग, एरियल सर्वे, उर्वरकों के छिड़काव आदि में किसानों की मदद करते हुए प्रासंगिक डेटा एकत्र करेंगे। सभी संबंधित विभागों के साथ चर्चा के बाद इस एमओयू पर सरकार आगे बढ़ेगी।

सरकार ने बड़े पैमाने पर की है तैयारी

उत्तर प्रदेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का हब बनने की ओर अग्रसर है। यूपी में डेटा सेंटर लग रहे हैं। कई शहरों में 5जी की शुरुआत हो रही है। आईटी पार्क और आईटी सिटी बनाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार इस सेक्टर में अपार संभावनाओं के दृष्टिगत इसे खास तवज्जो भी दे रही है। इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश जुटाने के लिए सरकार ने नई आईटी पॉलिसी के अलावा निवेशकों के समर्थन के लिए स्टार्टअप पॉलिसी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी एवं डेटा सेंटर पॉलिसी को रिवाइज़ किया है।

प्रदेश में निवेश के लिए देश और विदेश में इस सेक्टर के बड़े बिजनेस लीडर्स के साथ-साथ नए निवेशकों के साथ चर्चा की गई है। उन्हें प्रदेश में दी जा रही सुविधाओं और राहतों के साथ ही सुरक्षित निवेश की गारंटी दी जा रही है। बड़े पैमाने पर निवेशकों को प्रदेश से जोड़ने के लिए इंडस्ट्री की विभिन्न एसोसिएशन के साथ काम किया गया है।

यही नहीं प्रदेश में 5जी नेटवर्क को लेकर विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों से संपर्क किया गया और उनकी योजनाओं को ध्यान से सुना गया है। इसके साथ ही बैंकों से भी प्रदेश में इस सेक्टर में लगने वाले बड़े प्रोजेक्ट्स में आर्थिक मदद के लिए अपने प्रपोज़ल तैयार रखने को कहा गया है।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button