अपराध शाखा करेगी इनकम टैक्स विभाग में फर्जी भर्ती मामले की जांच

लखनऊ। बेरोजगारों को इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये वसूलने वाली प्रियंका मिश्रा को गिरफ्तार कर हजरतगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। अब इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपा गया है। प्राथमिक जांच में इस फर्जीवाड़ा में कई अफसर और क्राइम ब्रांच की रडार पर हैं।
इनकम टैक्स विभाग में नौकरी में फर्जीवाड़ा की जांच क्राइम ब्रांच के हाथों में आते ही टीम सक्रिय हो गई है। अभी तक पुलिस के द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को तलब किया है। इतना ही नहीं हरियाणा के निजी संस्थान में इंजीनियर के पद पर कार्यरत प्रियंका के पति और फर्जी इंटरव्यू देने आए अभ्यर्थियों से भी पूछताछ होगी। इस फर्जीवाड़े में कई प्रशासनिक अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनके खिलाफ सबूतों को इकट्ठा करना शुरु कर दिया गया है। वहीं कई विभागीय अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि आयकर विभाग के कार्यालय में फर्जी नियुक्ति के मामले में प्रियंका मिश्रा के खाते में सात माह में 50 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। इस मामले की जांच में जुटी एजेंसियां वर्ष 2018 से अब तक के लेनदेन का ब्योरा जुटा रही हैं कि प्रियंका कितने बैंक खातों का उपयोग कर रही थी। इसके अलावा इस बात पर भी पूछताछ की जाएगी कि उसका सम्पर्क किन-किन अधिकारियों से है। वह किसके कहने पर खुद को इनकम टैक्स विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताती थी।
वहीं, पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि बीटेक पास और इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर जल्द अमीर बनने की चाहत में वह ठगी करने लगी। नोएडा में 2016-17 में संविदा पर कार्यरत रहते हुए प्रियंका मिश्रा ने आइएएस की परीक्षा पास होने की घोषणा की थी। वह बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाने के लिए मित्रों, रिश्तेदारों को माध्यम बनाती रही है।