अमेठीउत्तर प्रदेशराजनीति

अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाई पं.नेहरु की 59 वीं पुण्यतिथि

केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय गौरीगंज में अमेठी कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल की अगुवाई में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पंडित नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धा सुमन से उनके विचारों को रखा।कांग्रेस जिलाध्यक्ष सिंघल ने बताया कि आज के दिन 27 मई 1964 को पं. नेहरू का देहावसान हुआ था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू सिर्फ एक महान नेता ही नहीं ,एक महान चिंतक , विचारक और युग द्रष्टा थे। गांधी नेहरू न रोज पैदा होते न रोज मरते है। विचार और सोच का कोई वंशज नही होता है। विचार का स्कूल आफ थाट होता है। आजादी के बाद गांधी का स्कूल आफ थाट ,आफ डिमोक्रेसी और सेकुलरिज्म था ,जो स्वतंत्रता, समता , न्याय और और बंधुत्व पर आधारित राज्य बनाना चाहता था , उस स्कूल के नायक नेहरू थे । दूसरी तरफ संघ का स्कूल आफ थाट आफ कम्यूनलिज्म है जो आज भाग्य भरोसे दिल्ली के सत्ता पर पहुंचे है जिसके परम विचार पुरूष गुरू गोलवलकर रहे, जिनके प्रेरणा श्रोत हिटलर और मुसोलिनि हैं। नेहरू एक व्यक्ति नही विचार हैं,विचार कभी मरता नहीं। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में भगवान राम के सम्बंध में कहा है कि वे असंभवों के समन्वय थे। उसी प्रकार पंडितजी के जीवन में महाकवि के उसी कथन की एक झलक दिखाई देती है। अमेठी कांग्रेस पार्टी के महामंत्री और जिला प्रवक्ता अनिल सिंह ने बताया कि स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू शांति के पुजारी, किन्तु क्रान्ति के अग्रदूत थे; वे अहिंसा के उपासक थे-किन्तु स्वाधीनता और सम्मान की रक्षा के लिए हर हथियार से लड़ने के हिमायती थे। वे व्यक्तिगत स्वाधीनता के समर्थक थे किन्तु आर्थिक समानता लाने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने समझौता करने में किसी से भय नहीं खाया, हमारे नेता राहुल गांधी उनके विचारों और आदर्शों के रास्ते चलकर आज देश की एकता ,अखंडता ,बंधुत्व तथा मजबूत राष्ट्र के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।इस अवसर पर कांग्रेस के सभी वरिष्ठ कांग्रेस जन उपस्थित रहे।

 

Lokesh Tripathi

पूरा नाम - लोकेश कुमार त्रिपाठी शिक्षा - एम०ए०, बी०एड० पत्रकारिता अनुभव - 6 वर्ष जिला संवाददाता - लाइव टुडे एवम् न्यूज़ इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल एवं हिंदी दैनिक समाचारपत्र "कर्मक्षेत्र इंडिया" उद्देश्य - लोगों को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना। "पत्रकारिता सिर्फ़ एक शौक" इच्छा - "ख़बरी अड्डा" के माध्यम से "कलम का सच्चा सिपाही" बनना।

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