लखनऊ में बिकने के लिए है तैयार 21 लाख की साड़ी, अँधेरे में भी चमक उठेगी आपकी खूबसूरती

उत्तर प्रदेश लखनऊ जिसे नवाबो का शहर कहा जाता है यहाँ आज कल एक साड़ी है जो अपनी खूबसूरती और डिजाइन के लिए बहुत ज्यादा चर्चा में है आखिर इस साड़ी में ऐसा क्या ख़ास है और इसकी क्या कीमत है जानते है साड़ी को बनाने वाले से। राजधानी लखनऊ में आज कल एक साड़ी आपकी खूबसूरती के लिए ही नहीं बल्कि अपनी कीमत के लिए भी बहुत ज्यादा चर्चा में है अगर हम किसी से पूछेंगे की साड़ी की कीमत क्या होगी तो सभी लोगो का सोचा की साड़ी की कीमत हजारो में होगी। मगर हम जिस साड़ी की बात कर रहे उसकी कीमत हजारो में नहीं बल्कि लाखो में है। इस साड़ी की कुल कीमत 21 लाख 9 हजार रूपये बताई गयी है। इस साड़ी को तैयार करने में २ साल लगे है। इस सफ़ेद रंग की चमकती हुई साड़ी को देखकर हर कोई यही कहता है की ये एक शाही साड़ी है।
इस साड़ी को बनाने में जबरदस्त कारीगरी का इस्तेमाल किया है, इस साड़ी को बनाने के लिए चिकन के 32 टांको का इस्तेमाल किया गया है , जो कि आज के समय में विलुप्त हो चुके है या बहुत कम ही कारीगर है जो इस कारीगरी को इस्तेमाल करते है, इस साड़ी में क्रिस्टल भी लगे हुए हैं। जिसकी वजह से रात के अँधेरे में भी चमकती है, घने अँधेरे में भी साड़ी और इसकी डिजाइन साफ़ नजर आती है। ये साड़ी आपको लखनऊ में हर किसी जगह देखने को नहीं मिलेगी क्योंकी इस साडी को लखनऊ हजरतगंज स्थित अदा फैशन ने तैयार कराया है। साड़ी को तैयार कराने वाले हैदर अली खान ने बताया कि इस साड़ी को तैयार करने के लिए उन्होंने २ साल पहले आर्डर दिया था और अब ये साड़ी बनकर आयी है।
हैदर अली ने बताया कि इस साड़ी के बॉर्डर की ही कीमत दो से ढाई लाख रुपये है इसमें बेहद बारीक चिकनकारी के टांके लगे हुए है जोकि आजकल बहुत कम कारीगर इस्तेमाल करते है। उन्होंने बताया कि ये पूरी साड़ी एक ही तार पर बनी हुई है जिससे इसकी कीमत बहुत बढ़ जाती है। साथ ही इसमें जो जालियां लगाई गयी है , उसके ज्यादा या कम खुले होने पर भी इसकी कीमत बढ़ जाती है, इसे दो साल में बनाया गया है, लिहाजा लेबर चार्ज की वजह से भी साड़ी महंगी हो जाती है।
हैदर अली खान ने बताया कि ये साड़ी जल्द ही बिक जाएगी इसका खरीददार भी मिल गया है, वो ये साड़ी किसी तरह के स्पेशल आर्डर पर नहीं बनाते बल्कि अपने स्टॉक के लिए ऐसी साड़ियां तैयार करवाते है , ताकि जो ग्राहक उनके पास आते है उन्हें वो दिखा सके। इस साड़ी के साथ ब्लाउज का कपड़ा और एक पोटली बैंग भी है जिसकी कीमत इसी में जुडी है। इसको बनने में दो साल लगे है। ऐसे में तमाम हाथों से होकर यह साड़ी गुजरी है, उनके पास ही साड़ी वॉश होकर ही आई है, इसे घर पर भी धो सकते हैं, कोई दिक्कत नहीं होगी।