आठ फरवरी को हुई थी उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी का स्थापना

- स्थापना दिवस पर छतर मंजिल में होंगे विभिन्न कार्यक्रम
लखनऊ। उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी के 62वें स्थापना दिवस पर पांच से नौ फरवरी तक अकादमी की ओर से चित्रकार व मूर्तिकार शिविर, दृश्यकला शिक्षण संस्थानों की प्रदर्शनियां, रंगोली, अमृत कलश सज्जा, आर्टिस्टिक इंस्टालेशन, आजादी की घटनाओं पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी निदेशक आनन्द कुमार ने दी। उन्होंने बताया सारे कार्यक्रम छतर मंजिल में आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में पांच फरवरी को चित्रकार एवं मूर्तिकार शिविर छत्तर मंजिल परिसर में दोपहर एक बजे शुरू होगा।
चित्रकार शिविर में वाराणसी के बलदाऊ वर्मा, लखनऊ की रश्मि श्रीवास्तव, सोमनाथ सरकार; कीर्ति श्रीवास्तव, संजय राज, मिर्जापुर के हरिदर्शन, अयोध्या की दीपा सिंह रघुवंशी, प्रयागराज के सचिन सैनी, प्रयागराज के आशुतोष त्रिपाठी, आगरा की एकता श्रीवास्तव है।
मूर्तिकार शिविर लखनऊ के शनि केसरी, उदय राज मौर्या, विकास प्रताप सिंह, दिनेश सोनकर, अमित गौड़, योगेश कुमार प्रजापति, बाराबंकी के सतीश कुमार यादव, वाराणसी के प्रफुल्ल चन्द्र राव भारती, मऊ संजय राय, आगरा के आनन्द सिंह शामिल है।
अकादमी के निदेशक आनन्द कुमार ने बताया कि चित्रकारों द्वारा 36×42 इंच के कैनवास पर चित्रांकन एवं मूर्तिकारों द्वारा लगभग दो-दो फिट की फाइबर मूर्तियों का सृजन किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को आवास, भोजन एवं मानदेय की व्यवस्था अकादमी द्वारा की जाएगी।
अकादमी की स्थापना आठ फरवरी, 1962 को लखनऊ में हुई थी। इसकी स्थापना उत्तर प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग की पूर्णतः वित्त पोषित स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में हुई। अकादमी कला एवं कलाकारों की प्रोन्नति एवं प्रोत्साहन के ध्येय की ओर निरन्तर अग्रसर होती हुई कला जगत में 61 वर्षों से उल्लेखनीय कार्य कर रही है।