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आनलाइन गेमिंग एप पर धर्मांतरण का खतरनाक खेल

  • आरोपी गिरफ्तार, लेकिन खतरा बरकरार

मृत्युंजय दीक्षित


आनलाइन गेमिंग एप वैसे तो कई प्रकार से समाज के लिए नुकसानदेह हैं किन्तु कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों के द्वारा इनका प्रयोग धर्मांतरण के लिए किया जाना एक बड़े दुश्चक्र के रूप में सामने आया है । विगत दिनों हुए एक बड़े खुलासे में आनलाइन गेमिंग एप पर धर्मांतरण कराने वाले एक गैंग का मुख्य आरोपी शहनवाज खान उर्फ बद्दो महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया गया जो अब 15 जून तक पुलिस रिमांड पर है । यही नहीं पुलिस ने मोबाइल सिम उपलब्ध करवाने वाले दोस्त तौफीक और आर्यन खान को भी गिरफ्तार किया है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है । धर्मांतरण का आरोपी बद्दो जिस प्रकार के रहस्य उजागर कर रहा है वो चकित करने वाले हैं। अब पुलिस यह पता कर रही हे कि यह गिरोह कितना बड़ा है तथा उसके तार कहां- कहां तक फैले हैं। ऑनलाइन गेमिंग एप के माध्यम से धर्मांतरण करने का खुलासा तब हुआ जब गाजियाबाद जिले में एक युवक घर वालों से चोरी छिपे मस्जिद जाकर नमाज पढ़ने लग गया। परिवार को जब पता चला तो उन्होंने मुंबई के एक व्यक्ति समेत एक मस्जिद के मौलवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। परिवार का आरोप है कि आरोपित पूरी दुनिया में आनलाइन गेमिंग एप के सहारे धर्मांतरण की मुहिम चला रहा है।

राजनगर निवासी एक व्यक्ति का कहना है कि उनका नाबालिग बेटा पिछले काफी समय से पूरे परिवार के साथ अजीब तरह का व्यवहार कर रहा था। वह प्रतिदिन पांच बजे जिम जाने के लिए निकल जाता था और कई- कई घंटे बाद वापस आता था।संदेह होने पर उन लोगों ने बेटे का पीछा किया तो पता चला कि वह मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता है।उन्होंने बेटे से बात की तो उसने इस्लाम धर्म को अन्य धर्मों से बेहतर बताया।उसने कहा कि वह मन से इस्लाम धर्म स्वीकार कर चुका है।इस पर उन्होंने बेटे के मोबाइल फोन व लैपटाप की जांच की तो उसमें इस्लाम धर्म की सामग्री मिली। जांच में पता चला कि आनलाइन गेमिंग के माध्यम से उसकी पहचान मुंबई के रहने वाले बद्दो नाम के व्यक्ति से हुई थी।दो साल पहले युवक ने बद्दो से कंप्यूटर के कुछ पार्ट खरीदे थे जिसके बदले में युवक ने बद्दो को 20 हजार का भुगतान किया था।वह युवक तभी से बद्दो के प्रभाव में आ गया था। परिजनों का कहना है कि उनका बेटा बद्दो से कई-कई घंटों तक बात करता है और उसकी बात कुछ अन्य नंबरों पर भी होती है। परिजन काफी डरे हुए हैं तथा उन्हें किसी अनहोनी की आशंका है।

एक आरोपी गिरफ्तार -इंटर पास छात्र के आनलाइन गेमिंग एप से धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार कर लिया है।छात्र के अलावा दो किशोर व एक युवक का मतांतरण कराने के साक्ष्य भी मिले हैं। पुलिस ने अब्दुल रहमान को मतांतरण कराने का आरोपी बनाया है क्योंकि चारों मतांतरित नियमित रूप से वहां ही नमाज पढ़ने जाते थे । इमाम का कहना है कि उसे दो माह पूर्व ही मस्जिद कमेटी से निकाला जा चुका है जबकि पुलिस जांच में इसके साक्ष्य नहीं मिले हैं।
डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि छात्र के मोबाइल से मिले सात नंबरों में से एक नंबर अब्दुल का था। छात्र अब्दुल से करीब सात :आठ माह पूर्व वह जामा मस्जिद मे ही मिला था। अब्दुल ने व्हाटसएप पर उसको इस्लामिक समाग्री भेजनी शुरू कर दी थी। वह छात्र पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाता था।

पुलिस का शुरुआती जांच में ही कहना था कि यह बहुत ही शातिर गिरोह है जिसके सदस्य इन किशोरों से कहते थे कि आयत पढ़ोगे तो आनलाइन गेम में लगातार जीत मिलेगी । यही बात बद्दो और इसके गिरोह के साथी एप पर गेम खेलने के दौरान हारने वाले किशोरों को बोलते हैं। उनकी बातों में आकर जो किशोर ऐसा करने पर राजी हो जाता है उसको गिरोह के सदस्य आयत पढ़ने के तरीके बताते हैं।बाद में उनका विश्वास जीतकर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिये प्रेरित करते हैं। ऐसा करके बद्दो कई लोगों को फंसा चुका है। गिरोह के सदस्यों ने गेमिंग व चैटिंग एप पर हिंदुओं के नाम से आईडी बना रखी है जिससे कोई उन पर संदेह न करे। गिरोह के तार विदेशों से भी जुड़े हैं।

प्रयागराज से भी गेमिंग एप के माध्यम से एक 17 वषीय नाबालिग का धर्मांतरण करवाने का समाचार सामने आया है। ब्राहमण परिवार के 17 वर्षीय बेटे ने अचानक पूजा पाठ करना बंद कर दिया था जो कभी मंदिर जाता था अब मजार पर जाकर वहां पर उर्दू में लिखी इबारत को पढ़कर चूमने लगा । मुस्लिम दोस्तों के कहने पर उसने अपना जनेऊ भी तोड़कर फेंक दिया। उस बालक की हालत यह हो गयी थी कि वह जालीदार टोपी पहनने लगा और मुस्लिम कव्वाली सुनने जाने लगा। काल्विन अस्पताल के मनोवैज्ञानिक डा. ईशान्या राजा ने बताया कि मां- बेटे से बात करने में यह बात स्पष्ट हो गयी है कि किशोर का धर्मांतरण मोबाइल गेम की आड़ में कराया जा रहा है।

धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का व्यापक दायरा पाक तक फैला है जाल –

आनलाइन गेमिंग एप के सहारे नाबालिग युवकों का धर्मांतरण कराने के मामले में जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे -वैसे नये खुलासे हो रहे हैं। अब तक पांच राज्यों के युवकों का धर्मांतरण कराये जाने की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के सरगना शहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो की काल डिटेल रिकार्ड से पता चला है कि पिछले एक साल में उसके संपर्क में 100 से ज्यादा युवक आये। बैंक से जानकारी मिली है कि उसके खाते में हर महीने लाखों रूपये जमा कराये जा रहे थे।

यह रकम गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में जमा कराई गयी । पुलिस अब रकम जमा कराने वाले लोगों के नाम पते मालूम कर उनकी कुंडली पता कर रही है।सुरक्षा एजेंसियां और यूपी पुलिस आरोपी बद्दो का पाकिस्तान कनेक्शन तलाश रहे हैं। यूपी पुलिस के पास महाराष्ट्र के ठाणे जिले से भी फोन आया है जिसमें फोन करने वाले युवक ने दावा किया है कि बद्दो का गिरोह महाराष्ट्र के ठाणे में 400 लोगों का धर्मांतरण करवा चुका है। हरियाणा, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात से भी काल आ चुकी है।

गुजरात से आयी एक काल में भी बताया जा रहा है कि वहां पर भी लगभग 400 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। अभी मामले की जांच चूंकि प्रथम चरण में ही और इस मामले में बहुत ही खतरनाक खुलासे हो रहे है इसलिए यह बात तो तय लग रही है कि आनलाइन गेमिंग एप के सहारे धर्मांतरण कराने का यह खेल व इसके तार बहुत दूर तक फैले हैं जो पाकिस्तान से लेकर जाकिर नाईक तक पहुंच रहे हैं।

यह संतोष की बात है कि उप्र में धर्मांतरण विरोधी एक कड़ा कानून लागू है। थी योगी सरकार 2020 में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए एक कानून लेकर आयी जिसमें लोगों को बहला फुसलाकर, जबरन झूठ बोलकर या डरा धमकाकर धर्मांतरण करवाने का दोषी पाये जाने पर एक से पांच साल तक की कैद और 15 हजार रूपये तक का जुर्माना व एससी एसटी के मामले में दो साल से लेकर दस साल तक की जेल और 25 हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यही नहीं उप्र में धर्मांतरण के आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून व गैंगस्टर लगाने जैसे कदम उठाने का भी प्रावधान रखा गया है तथा आरोपी पर सभी आरोप साबित होते ही उसकी संपत्ति भी जब्त करने का प्रावधान है।

अब बच्चों पर नजर रखने की जरूरत -आनलाइन गेमिंग एप से धर्मान्तरण से हुए खुलासे को देखते हुए आवश्यक है कि सभी माता पिता व परिवार के अन्य सदस्य अपने बच्चों पर दृष्टि रखें ।अगर कोई भी बालक फोन या लैपटॉप पर लगातार गेम खेल रहा है, अनजान लोगों से लंबी बातें कर रहा है, बिना बताए घर से बाहर चला जाता है, उसकी आदतों में कुछ बदलाव दिखाई देरहा है तो उस पर नजर रखना और उससे पूछताछ करना जरूरी है कि कहीं वह किसी गिरोह के मकड़लाज मे तो नहीं फंस रहा है।

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