कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद अब तमिलनाडु के पोलिंग बूथ तक पहुंच चुका है. दरअसल, बीजेपी बूथ कमेटी के एक सदस्य ने तमिलनाडु शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोट डालने आई एक मुस्लिम महिला को मतदान करने रोक दिया और जमकर हंगामा किया. महिला हिजाब पहनकर वोट डालने पहुंची थी, जिसपर कमेटी के सदस्य ने आपत्ति जताई और कहा कि अगर उन्हें वोट डालने के अधिकार का इस्तेमाल करना है तो वो बिना हिजाब के इस लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करें.
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी सदस्य ने महिला से हिजाब उतारकर वोट डालने को कहा. सत्तारूढ़ DMK और AIADMK के सदस्यों ने उनका विरोध किया जिसके बाद पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. अन्य बूथ एजेंटों, मतदान अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने तुरंत उस व्यक्ति पर आपत्ति जताई और उसे मदुरै जिले के मेलूर में मतदान केंद्र से बाहर कर दिया. घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे और डीएमके विधायक उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि बीजेपी हमेशा से ऐसा करती रही है. हम इसके पूरी तरह खिलाफ हैं. तमिलनाडु की जनता जानती है कि किसे चुनना है और किसे नकारना है. वे इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
#TamilNadu Urban Local Body Poll |A BJP booth committee member objected to a woman voter who arrived at a polling booth in Madurai while wearing a hijab;he asked her to take it off. DMK, AIADMK members objected to him following which Police intervened. He was asked to leave booth pic.twitter.com/UEDAG5J0eH
— ANI (@ANI) February 19, 2022
चेन्नई में 11 साल के अंतराल के बाद मतदान
हालांकि पुलिस और अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद महिला अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सफल रही. तमिलनाडु में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव शनिवार को 21 निगमों, 138 नगर पालिकाओं और 490 नगर पंचायतों में 12,607 पदों के लिए चल रहा है. राज्य में 11 साल के अंतराल के बाद मतदान हो रहे हैं. नगरीय निकाय चुनाव के लिए एक ही चरण में वोटिंग हो रही है. अक्टूबर 2016 में चुनाव निर्धारित थे, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश के मद्देनजर स्थगित कर दिए गए थे. इसके बाद भी, कई घटनाक्रम, राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों के चलते इसमें देरी हुई.
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. कुछ मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक सरकार के हिजाब या भगवा स्कार्फ पहनने पर रोक लगाने के फैसले से संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन होता है. कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने छात्राओं के इस आरोप का खंडन किया था. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 25 भारत के नागरिकों को धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है. नवदगी ने दलील दी कि सरकार के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन नहीं होता.