रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के साथ-साथ पूरे विश्व की नजर इस पर है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस यूक्रेन के ताजा हालात पर चर्चा हुई। इस चर्चा में भारत ने भी अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसी संदर्भ में रूस ने भारत के पक्ष की सराहना करते हुए इसका स्वागत किया है। भारत में रूस के मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत फिलहाल एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हम भारत के स्वतंत्र स्थिति का स्वागत करते हैं जिसे उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो बार लिया है। रोमन बाबुश्किन ने कहा कि सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत के विचार दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है।
We hope our partnership will continue further at the same level which we are enjoying today, especially have a look at outcomes of recent Russian-Indian bilateral summit in Dec 2021: Russian Embassy's DCM, Delhi on sanctions against Russia and its impact on cooperation with India pic.twitter.com/QgUSevm9X8
— ANI (@ANI) February 23, 2022
रूस की ओर से कहा गया है कि भारत वर्तमान में जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यह वैश्विक मामलों के लिए एक स्वतंत्र और संतुलित दृष्टिकोण भी अपनाता है। रूस की ओर से यह भी कहा गया है कि रूस-भारत साझेदारी एक मजबूत और ठोस नींव पर आधारित है। यह आपसी विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी साझेदारी उसी स्तर पर आगे भी जारी रहेगी जिसका हम आज आनंद ले रहे हैं। इसके अलावा, हमने रक्षा क्षेत्र में 10 साल के सहयोग के कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारे पास पाइपलाइन में बहुत सी बड़ी परियोजनाएं हैं और हमें पूरा विश्वास है कि हमारी सभी योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की जाएंगी। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा कि हम यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर हो रही गतिविधियों और रूसी संघ द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा सहित पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।
रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, हम एक सैन्य तनाव का जोखिम नहीं उठा सकते। भारत ने इसके साथ ही सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान भी किया और कहा कि सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्र में दीर्घकालीन शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘तनाव कम करना’’ तात्कालिक प्राथमिकता है। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि इस मुद्दे को कूटनीतिक संवाद के जरिए ही हल किया जा सकता है। हमें तनाव कम करने की कोशिश में लगे पक्षों द्वारा हाल में उठाए गए कदमों को वक्त देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में नयी दिल्ली त्रिपक्षीय संपर्कसमूह और नॉरमैंडी प्रारूप समेत अन्य प्रयासों का स्वागत करती है।