भारत के उभरते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है. 20 साल के युवा भारतीय शटलर ने पुरुषों के सिंगल्स के सेमीफाइनल में मौजूदा चैंपियन मलेशिया के ली जी जिया को 3 गेम तक चले संघर्षपूर्ण और कड़े मुकाबले में 21-13, 12-21 21-19 से हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई. 2001 में खिताब जीतने वाले दिग्गज पुलेला गोपीचंद के बाद वह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर हैं. वह इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले सिर्फ चौथे भारतीय पुरुष और कुल पांचवें भारतीय खिलाड़ी हैं.
इस साल कई बड़े उलटफेर और दिग्गजों को मात देने वाले उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन ने अपने इसी पराक्रमी प्रदर्शन को सेमीफाइनल में भी जारी रखा. टूर्नामेंट के प्री-क्वार्टर फाइनल में विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर के खिलाड़ी डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसन को हराने बाद लक्ष्य ने सेमीफाइनल में विश्व नंबर सात और छठीं वरीयता प्रात ली जिया को कांटे की टक्कर में शिकस्त देकर पहली बार किसी सुपर 1000 टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई.
पहले दो गेमों में एकतरफा जीत
दो बेहतरीन युवा खिलाड़ियों के बीच हुई इस टक्कर में तेजी, ताकत और टच गेम का जबरदस्त नजारा देखने को मिला. मैच के तीनों गेमों में जोरदार टक्कर दिखी और कई लंबी और थका देने वाली रैलियां भी हुईं. इसके बावजूद पहले और दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ियों ने एकतरफा जीत दर्ज की. लक्ष्य ने पहले गेम में 11-7 से बढ़त ली और फिर इंटरवल के बाद भी आक्रामक अंदाज जारी रखते हुए 21-13 के बड़े अंतर से जीत दर्ज करते हुए बढ़त ली.
HE DID IT 😍🔥@lakshya_sen becomes the 5️⃣th 🇮🇳 shuttler to reach the FINALS at @YonexAllEngland as he gets past the defending champion WR-7 🇲🇾's Lee Zii Jia 21-13, 12-21, 21-19, in the enthralling semifinals encounter 💪
Way to go!🔝#AllEngland2022#IndiaontheRise#Badminton pic.twitter.com/KL8VB9j2om
— BAI Media (@BAI_Media) March 19, 2022
दूसरे गेम में शुरुआत से ही मौजूदा चैंपियन जी ने लक्ष्य पर दबदबा कायम कर लिया. लक्ष्य ने जी के हर हमले का बखूबी जवाब दिया, लेकिन 23 साल के मलेशियाई खिलाड़ी ने अपने अनुभव और फुर्ती के दम पर ब्रेक तक 11-4 से बड़ी बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद जल्द ही ये बढ़त 16-6 की हो गई. यहां पर लक्ष्य ने वापसी की और अंतर को 16-10 कर दिया. हालांकि, यहां से जी ने कोई मौका नहीं दिया और 22 मिनट में गेम अपने नाम किया.
कांटे की टक्कर में लक्ष्य ने जीता गेम और मैच
तीसरे गेम में दोनों ही खिलाड़ियों की टक्कर अपने चरम पर पहुंच गई. फिर से लंबी रैलियों के साथ ही नेट्स के पास कमाल के ड्रॉप शॉट देखने को मिले. इस गेम में किसी को भी अलग कर पाना आसान नहीं रहा और कांटे की टक्कर जारी रही. जी ने 11-9 के साथ ब्रेक में बढ़त बनाई. इस मुकाबले में सबसे ज्यादा अंतर 14-10 का जी के पक्ष में रहा, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने हार नहीं मानी. अपने जुझारू गेम से विक्टर एक्सेलसन और लोह कीन यू को हराने वाले लक्ष्य ने फिर से वापसी की और आखिर में 21-19 से गेम के साथ मैच भी जीत लिया.
गुरु प्रकाश पादुकोण की सफलता दोहराने का मौका
लक्ष्य इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले सिर्फ पांचवें भारतीय खिलाड़ी हैं. उनसे पहले पुरुषों के सिंगल्स प्रकाश नाथ (1947), प्रकाश पादुकोण (1980, 1981) और पुलेला गोपीचंद (2001) ने फाइनल में जगह बनाई थी. वहीं महिला सिंगल्स में सिर्फ दिग्गज स्टार सायना नेहवाल (2015) ने फाइनल तक का सफर तय किया था. इसमें से पादुकोण ने 1980 और गोपीचंद ने 2001 में खिताब जीते थे. प्रकाश पादुकोण की एकेडमी में ट्रेनिंग लेने वाले लक्ष्य के पास अब अपने गुरु की सफलता को दोहराने का मौका है.