विश्व के नंबर एक पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने वीजा रद्द किए जाने के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया है और अब वह सर्बियाई स्टार को ऑस्ट्रेलिया से वापस भेजा जाएगा.
सोमवार 17 जनवरी से शुरू हो रहे ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022 से ठीक एक दिन पहले मेलबर्न के फेडरल कोर्ट ने जोकोविच के वीजा को रद्द करने के ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मंत्री के फैसले को बरकरार रखा है. ऐसे में अब जोकोविच को जल्द ही ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटाया जाएगा. विवाद के बीच जोकोविच को टूर्नामेंट के ड्रॉ में जगह मिली थी, लेकिन अब वह कोर्ट में नहीं उतर पाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन मंत्री ने शुक्रवार 14 जनवरी को जोकोविच का वीजा रद्द करने का फैसला किया था. रिकॉर्ड 9 बार के ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन सर्बियाई स्टार ने देश से बाहर निकाले जाने के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. रविवार 16 जनवरी को फेडरल कोर्ट के तीन जजों ने दिग्गज खिलाड़ी के खिलाफ फैसला सुनाया और वीजा को जनहित के आधार पर रद्द करने के आव्रजन मंत्री के फैसले को बरकरार रखा.
#BREAKING: Novak Djokovic will be deported from Australia after a Federal Court upholds the Immigration Minister’s decision to revoke the nine-time #AusOpen champion’s visa.
A lucky loser will replace Djokovic to face Miomir Kecmanovic in the first round Monday.
— TENNIS (@Tennis) January 16, 2022
3 साल तक ऑस्ट्रेलिया नहीं जा सकेंगे जोकोविच?
ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट के फैसले के बाद जोकोविच पर ऑस्ट्रेलिया में तीन साल तक प्रवेश करने पर प्रतिबंध लग सकता है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार की आव्रजन नियमों के अनुसार, निर्वासन के आदेश दिए जाने पर संबंधित व्यक्ति तीन साल तक वापस ऑस्ट्रेलिया नहीं लौट सकता. अब जोकोविच पर भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार ये नियम लागू करेगी या उन्हें छूट देगी, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. जोकोविच ने कोविड-19 के खिलाफ अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है और जब तक उन्हें निर्वासित नहीं किया जाता, तब तक वह मेलबर्न में नजरबंद रहेंगे.
ऑस्ट्रेलिया में वैक्सिनेशन के कड़े नियम
असल में ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन से लेकर वैक्सिनेशन तक कड़े नियम लागू किए गए हैं. इसके तहत बिना वैक्सीन लगाए किसी भी शख्स को ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश की इजाजत नहीं हैं, फिर वह ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ही क्यों न हो. हालांकि, विशेष परिस्थितियों में वैध कारण के साथ मेडिकल छूट के तौर पर बिना वैक्सीन के प्रवेश की इजाजत मिल रही है.
यूं शुरू हुआ विवाद
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से ही जोकोविच ने वैक्सीन के खिलाफ रुख अपनाया था और उन्होंने कहा था कि वह वैक्सीन नहीं लगाएंगे, जिसके लिए वह कई बार आलोचना झेल चुके हैं. ऐसे में इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में उनके खेलने पर संदेह बना हुआ था. हालांकि, उन्होंने मेडिकल छूट वाले नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश किया था और यहीं से सारे बवाल की शुरुआत हुई.
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर सबसे पहले 6 जनवरी को उनका वीजा रद्द कर दिया गया था और मेलबर्न एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था, क्योंकि उनके पास मेडिकल छूट संबंधी पर्याप्त दस्तावेज नहीं थे. इस दौरान जोकोविच को नजरबंद किया गया था. इसके बाद अदालत में सुनवाई हुई और 10 जनवरी को ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने वीजा रद्द किए जाने के फैसले को ही रद्द कर दिया और जोकोविच को खेलने की इजाजत दी. इस दौरान जोकोविच ने कोर्ट में अभ्यास भी किया. फिर 14 जनवरी को ऑस्ट्रेलियाई आव्रजन मंत्री ने फिर से वीजा रद्द करने का फैसला किया.