चुनाव आयोग ने गोवा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. 14 फरवरी को मतदाता अपना वोट डालेंगे. गोवा में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल चार फरवरी 2022 को खत्म हो रहा है. गोवा में 40 विधानसभा सीट है. गोवा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 21 है. गोवा में पिछली बार साल 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे. गोवा विधानसभा चुनाव-2017 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गोवा में सरकार बनाई थी. गोवा में पिछले चुनाव में वोट प्रतिशत 83 फीसदी था.
गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस 36 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें से कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी.जो बहुतमत के आंकड़े से 4 कम थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में 36 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी. गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) 4 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 3 पर जीत दर्ज की थी.आम आदमी पार्टी 40 सीटों पर लड़ी थी लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.
गोवा चुनाव 2017 में क्या थे समीकरण?
गोवा में पहले सबको उम्मीद थी कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस 3 सीटें जीतने वाली गोवा फॉरवर्ड पार्टी और अन्य छोटे दलों की मदद से वहां सरकार बना पाएगी. लेकिन चुनाव से पहले या बाद में कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के बीच औपचारिक गठबंधन नहीं हो पाया था.इधर बीजेपी ने नाटकीय उठा-पटक के बाद एमजीपी, जीएफपी और दो निर्दलिय विधायकों की मदद से 21 के बहुमत का आंकड़ा पाया और गोवा में सरकार बनाई. बीजेपी ने गोवा में बतौर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की एक बार फिर प्रदेश में वापसी कराई. 17 मार्च 2019 को गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया. जिसके बाद बीजेपी ने डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया. 2017 में हुए गोवा विधानसभा चुनाव में पहली बार पूरे राज्य में वीवीपैट-युक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया था.
क्या कहता है सर्वे
चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है.गोवा चुनाव को लेकर हुए ओपिनियन सर्वे में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बनता दिख रहा है. पिछली बार सबसे अधिक 17 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 4-6 सीटों पर सिमट सकती है. वहीं तृणमूल कांग्रेस भी पहली बार हाथ आजमाने उतर रही है. टीएमसी को उम्मीद है कि वह बीजेपी और कांग्रेस का विकल्प बन सकती है. टीएमसी की आक्रामक रणनीति के पीछे प्रशांत किशोर हैं.वहीं बीजेपी गोवा में पिछले 10 साल से सत्ता में हैं जिसके चलते इस बार उसे सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ रहा है.