महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग की है. नवाब मलिक महाराष्ट्र के महाविकास आघाडी सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री हैं. चंद्रकांत पाटील ने कहा कि नैतिकता केआधार पर भी और परंपरा और नियमों के मुताबिक भी नवाब मलिक ने अब मंत्री बने रहने का हक खो दिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जल्दी इस मुद्दे पर फैसला लें और नवाब मलिक का इस्तीफा ले लें.
चंद्रकांत पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी चल कैसे रही है. एक मंत्री एक टिकटॉक स्टार की हत्या के मामले में गिरफ्तार होता है. एक मंत्री यह स्वीकार करता है कि उनकी दो-दो पत्नियां हैं. एक मंत्री के ऊपर सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का मामला उजागर होता है, फिर भी वह पद पर बने हुए हैं. एक मंत्री पहले से ही 100 करोड़ की वसूली मामले में जेल में हैं. यह सरकार चल कैसे रही है. नैतिकता के आधार पर और बालासाहेब ठाकरे के प्रखर नेता के चिरंजीव होने के नाते भी मेरी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग है कि वे जल्दी ही इस संबंध में फैसला लें और नवाब मलिक का इस्तीफा लें.
इस बीच ईडी की टीम विशेष पीएमएलए कोर्ट में नवाब मलिक को लेकर पहुंच गई है. नवाब मलिक की तरफ से वकील अमित देसाई दलील पेश करेंगे. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह दलील पेश करेंगे. गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद इस्तीफा लिए जाने की परंपरा को देखते हुए नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को देखते हुए आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाडी के मंत्रिमंडल की अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद आगे सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा होगी.
नवाब मलिक को लेकर ईडी अधिकारी कोर्ट पहुंचे
इस बीच ईडी द्वारा अरेस्ट ऑर्डर सामने आ गया है. जिसमें लिखा है कि 62साल के नवाब मलिक को 2 बज कर 45 मिनट में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरेस्ट किया गया है. गिरफ्तार करने के बाद नवाब मलिक को ईडी की टीम ने जे.जे.अस्पताल में मेडिकल चेक करवाया. इसके बाद उन्हें लेकर ईडी की टीम शाम चार बजे कोर्ट पहुंची. विशेष पीएमएलए कोर्ट में ईडी की टीम नवाब मलिक की कस्टडी की मांग करेगी. यहां ईडी को कस्टडी के लिए उनके अंडकवर्ल्ड संबंधों और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रारंभिक सबूत पेश करना पड़ेगा. नवाब मलिक के वकील यह दावा करेगें के सबूत में दम नहीं है और राजनीतिक कारणों से नवाब मलिक पर कार्रवाई की गई है. इसके बाद विशेष कोर्ट नवाब मलिक की कस्टडी को लेकर अपना फैसला सुनाएगी.
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई बम ब्लास्ट में लिप्त टाइगर मेमन सं संबंधित और दाऊद इब्राहिम से जुड़े शाह वली खान और समीर पटेल से करोड़ो की जमीन सिर्फ 30 लाख रुपए में अपने बेटे फराज मलिक के नाम पर खरीदी. 20 लाख का पेमेंट किया गया. यानी अंडरवर्ल्ड राष्ट्र विरोधी कार्रवाई में शामिल लोगों से आर्थिक लेन-देन किया .