गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक 132 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है।’’
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़’’ के कारण टूट कर गिर गया हो। दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की काफी भीड़ थी।
एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार रात दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात भी की। राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है।
गुजरात में पुल गिरने की घटना की हो जांच: गहलोत
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना की गुजरात सरकार को जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके।श्री गहलोत ने रविवार रात सिरोही में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना बहुत दुखद एवं बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को निष्पक्ष जांच कर पता करना चाहिए कि कुछ दिन पूर्व ही रिनोवेशन के बाद खुला पुल किन परिस्थितियों एवं कैसे गिर गया। उन्होंने कहा कि घटना की जांच हो ताकि दोषियों को सजा हो ।उन्होंने कहा कि पहले घायलों की परवाह करे और उनको बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए एवं मृतकों के परिजनों को संबल एवं दिलासा दिलाये जाने का काम होना चाहिए।