
भारत ने अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से PSLV-C56 रॉकेट लॉन्च किया है. इस रॉकेट के जरिए इसरो ने सात सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा है. पीएसएलवी रॉकेट के जरिए सिंगापुर के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट और छह अन्य उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसी महीने इसरो ने चंद्रयान-3 भी लॉन्च किया है.
इसरो ने PSLV-C56 रॉकेट आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया है. पीएसएलवी 44.4 मीटर लंबा है. इस साल अप्रैल में इसरो ने पीएसएलवी-सी55/टीलियोस-2 का सफल मिशन भी लॉन्च किया था.
न्यूस्पेस इंडिया लिमेटिड का मिशन है PSLV-C56
बता दें कि PSLV-C56 न्यूस्पेस इंडिया लिमेटिड का मिशन है. पीएसएलवी-सी56 के जरिए सिंगापुर का जो उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया है, उसका पूरा नाम रडार मेपिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट डीएस-एसएआर है. इस मिशन को लेकर इसरो ने बताया है कि सिंगापुर के डीएस-एसएआर उपग्रह डीएसटीए का वजन 360 किलो है. इसको सिंगापुर से भारत की साझेदारी के तहत विकसित किया गया है.
सिंगापुर की अलग-अलग एजेंसियां करेंगी इसका इस्तेमाल
इसरो ने बताया है कि लॉन्च के बाद सिंगापुर सरकार की अलग-अलग एजेंसियां इस उपग्रह का इस्तेमाल करेंगी. इसरो ने यह भी बताया कि इस मिशन के साथ ही हमारे विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी ने 58वीं बार उड़ान भरी है. साथ ही इसने कोर अलोन कॉन्फ़िगरेशन के साथ 17वीं बार उड़ान भरी है. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस मिशन के लिए इसरो को बधाई दी है.
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches its PSLV-C56 with six co-passenger satellites from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/2I1pNvKvBH
— ANI (@ANI) July 30, 2023
गौरतलब है कि पीएसएलवी को इसरो का वर्कहॉर्स कहा जाता है. यह लगातार उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में इंस्टॉल करने का काम कर रहा है.
कौन-कौनसे सात सैटेलाइट अंतरिक्ष में जा रहे?
- डीएस-एसएआर
- वेलोक्स-एएम 23
- 3यू नैनोसैटेलाइट
- ओआरबी-12 स्ट्राइडर
- एआरसीएडीई (एटमॉस्फेरिक कपलिंग और डायनेमिक्स एक्सप्लोरर)
- गैलासिया-2
- प्रायोगिक उपग्रह स्कूब-2