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इंदौर बावड़ी हादसा : 14 लोगों की मौत, गृह मंत्री ने दिए जांच के आदेश

  • मुख्यमंत्री चौहान ने की पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा की घोषणा

इंदौर। शहर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर गुरुवार को अंडरग्राउंड बावड़ी की छत धंसने की घटना में 14 लोगों की मौत हो गई। बावड़ी में 30 से अधिक लोग गिरे थे जिनमें से 11 लोगों के शव निकाले गए जबकि पुलिस ने रस्सियों की मदद से 19 लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था, जिनमें से तीन लोगों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा की घोषणा की है। प्रदेश के गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।

करीब 40 फीट गहरी बावड़ी में चार से पांच फीट पानी भरा था, जिसे नगर निगम ने तीन पम्प की मदद से निकालकर देर शाम दोबारा रेस्क्यू शुरू किया। ऑक्सीजन के साथ गोताखोरों को कुएं में उतारा गया। मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची है। बताया गया कि बावड़ी बहुत गहरी है, जिसमें काफी दलदल भी है। आशंका है कि अभी भी कुछ लोग यहां दबे हैं। स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों के गुम होने की बात भी कही है। रेस्क्यू के लिए महू से आर्मी की टीम भी बुलाई गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शहर के सपना संगीता रोड पर स्नेह नगर स्थित श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे हवन के दौरान हादसा हुआ। यहां 30 से ज्यादा लोग बावड़ी की छत पर बैठे थे। तभी ज्यादा वजन होने की वजह से उसकी छत टूट गई और लोग नीचे गिर गए। गिरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी थीं। पुलिस और श्रद्धालुओं ने रस्सियों से लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय अधिकारी और बचाव व राहत कर्मियों ने रेस्क्यू अभियान चलाया। इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी. के अनुसार बावड़ी से अब तक 11 शव निकाले गए हैं, जबकि 19 लोगों को घायल हालत में निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान तीन लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस तरह अब तक इस हादसे में हादसे में कुल 14 लोगों की मौत हुई है।

दिवंगतों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में पुरानी बावड़ी के धंस जाने से लोगों की असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि है यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। अनेक प्रयासों के बाद कुछ नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में दिवंगत लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के नि:शुल्क उपचार के साथ 50 हजार प्रति घायल को राशि प्रदान की जाएगी।

हादसे में मरने वालों में अब तक 12 की पहचान हुई है। इनमें लक्ष्मी (70) पत्नी रतीलाल पटेल निवासी पटेल नगर, इंद्र कुमार (53) पुत्र थामावदास हरवानी निवासी साधु वासवानी नगर, भारती कुकरेजा (58) पत्नी परमानंद कुकरेजा निवासी साधु वासवानी नगर, जयवंती (84) पत्नी परमानंद खूबचंदानी निवासी स्नेह नगर, दक्षा पटेल (60) पत्नी लक्ष्मीकांत पटेल निवासी पटेल नगर, मधु (48) पत्नी राजेश भम्मानी निवासी सर्वोदय नगर, मनीषा मोटवानी पत्नी आकाश मोटवानी निवासी साधु वासवानी नगर, गंगा पटेल (58) पत्नी गगन दास निवासी पटेल नगर, कनक पटेल (32) निवासी पटेल नगर, पुष्पा पटेल (49) निवासी पटेल नगर और भूमिका खानचंदानी (31) निवासी पटेल नगर और करिश्मा वाधवानी शामिल हैं।

राष्ट्रपति, पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी तक ने जताया दुख

इंदौर हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति शोक-संवेदनाएं व्यक्ति की, साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर में हुए हादसे से बेहद आहत हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी हादसे पर दुख जताया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

मृतकों के परिजनों द्वारा हादसे के बाद उनके अंगदान करने का निर्णय लिया गया। कुछ मृतकों की आंखें दान की गई तो कुछ की त्वचा का दान किया गया। जिन मृतकों की आंखें दान की गईं, उनमें दक्षा पटेल, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी, लक्ष्मी पटेल, मधु भम्मानी, जयंतीबाई, भारती कुकरेजा और कनक पटेल शामिल हैं। वहीं, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी और जयंतीबाई की त्वचा भी दान की गई है।

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