बुल्ली बाई एप केस के मुख्य आरोपी को दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया है. यह मामले में अबतक चौथी गिरफ्तारी है. गिटहब पर बुल्ली बाई के मुख्य साजिशकर्ता और निर्माता और बुली बाई के मुख्य ट्विटर खाता धारक को IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट),स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया है.
IFSO के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा (KPS Malhotra) ने कहा कि असम से गिरफ्तार नीरज बिश्नोई, GitHub पर ‘बुली बाई’ का मुख्य साजिशकर्ता और निर्माता और ऐप का मुख्य ट्विटर अकाउंट धारक है. उसे दिल्ली लाया जा रहा है. असम से गिरफ्तार किया गया नीरज बिश्नोई असम के दिगंबर जोरहाट का रहने वाला है. जिसकी उम्र 21 साल है. नीरज बिश्नोई सीएससी वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल में बी.टेक सेकेंड इयर का छात्र है.
'Bulli Bai' app case: Main conspirator arrested by Delhi Police’s IFSO special cell from Assam pic.twitter.com/4IKBiBKC8d
— ANI (@ANI) January 6, 2022
मामले में अब तक उत्तराखंड, असम और बेंगलुरु से कुल 4 गिरफ्तारी हुई है
असम से गिरफ्तार किए गए नीरज से पहले मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें बेंगलुरु से एक 21 साल के इंजीनियर और उत्तराखंड से 18 साल की एक लड़की श्वेता और एक लड़के को गिरफ्तार किया है. बेंगलुरु से विशाल कुमार झा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है जबकि उत्तराखंड से 12वीं कक्षा में पढ़ने वालीं श्वेता सिंह और मयंक रावत नाम के लड़के को गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है.
श्वेता सिंह का नेपाल के एक शख्स से था संपर्क
बुली बाई एप मामले में गिरफ्तार युवती को महाराष्ट्र पुलिस मंगलवार को दोपहर में कोतवाली उत्तराखंड की रुद्रपुर लेकर आई थी और युवती को कोतवाली में महिला पुलिस की हिरासत में रखा गया था और उस पर कड़ी नजर रखी गई थी. कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कोतवाली पुलिस को सूचना देने के बाद कोतवाली पुलिस ने तहरीर दी थी. इस मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा सभी कागजी कार्रवाई करने के बाद ही बुधवार सुबह उसे महाराष्ट्र पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 100 महिलाओं की ऑनलाइन ‘नीलामी’ करने वाले ऐप Bulli Bai मामले में आरोपी युवती श्वेता सिंह कथित तौर पर नेपाल में स्थित एक सोशल मीडिया के मित्र के निर्देश पर काम कर रही थी. जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि आरोपी श्वेता सिंह से मिली प्राथमिक जानकारी से पता चला है कि जियाउ नाम का एक नेपाली नागरिक ऐप पर की जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्देश दे रहा था.