भारत-चीन विवाद पर शुक्रवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा (Lok Sabha) एक सवाल का लिखित जवाब दिया है. सरकार ने संसद को बताया कि भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के विवादित क्षेत्र के संबंध में राजनयिक और सैन्य दोनों चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखी है. बजट सत्र (Budget session) के दौरान लोकसभा में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन (Union minister V Muraleedharan) ने कहा, ‘इन वार्ताओं में हमारा दृष्टिकोण तीन प्रमुख सिद्धांतों द्वारा निर्देशित रहा है और आगे भी रहेगा. सबसे पहले, दोनों पक्षों को एलएसी का सख्ती से सम्मान और पालन करना चाहिए. दूसरे, किसी भी पक्ष को यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए और तीसरा दोनों पक्षों के बीच के समझौतों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.
वहीं, भारत ने गुरुवार को घोषणा की थी कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है. इन राजनीतिक मुद्दों के साये में चीन ने अपनी सांस्कृतिक झलक का प्रदर्शन किया. आधिकारिक समारोह से पहले, नर्तकियों ने विभिन्न प्रकार के रंगीन सफेद स्नोसूट में मनोरंजन किया. इस दौरान लोगों ने खेलों के शुभंकर बिंग ड्वेन ड्वेन (पांडा) के साथ मस्ती की.
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था गतिरोध
दरअसल, 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध बढ़ गया था. दोनों पक्षों के बीच सैन्य संघर्ष में हुई झड़पों में बीस भारतीय सेना के जवान मारे गए थे. पिछले साल फरवरी में चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे, हालांकि यह व्यापक रूप से माना जाता है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को गतिरोध शुरू हो गया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी.
दोनों तरफ 50-60 हजार सैनिकों की है तैनाती
12 जनवरी को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी. इस गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है. इस संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर दोनों देशों के वर्तमान में करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं. भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की बैठक चीन की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर हुई थी. संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों पक्षों के रक्षा और विदेश मामलों से संबंधित प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे.