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टमाटर और हरी सब्जियों के बाद अब सेब उत्पादक किसानों के लिए काल बनी बारिश

बारिश की मार सिर्फ टमाटर और हरी सब्जियों पर ही नहीं पड़ी है, बल्कि सेब उत्पादक किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है. खास कर हिमाचल प्रदेश में बारिश की वजह से बाग में लगे 30 प्रतिशत से अधिक सेब बर्बाद हो गए. इससे किसानों को करोड़ों रुपये का घाटा लगा है. वहीं, अब भूस्खल और सड़कें टूटी होने की वजह से किसान समय पर अपनी उपज को लेकर मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे फल और सब्जियां सड़ रही हैं. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में नाले में सेब फेंकने का एक वीडियो भी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

जानकारी के मुताबिक, देश के सबसे बड़े सेब उत्पादक राज्य कश्मीर और हिमाचल प्रदेश इस बार बारिश और बर्फबारी की वजह से सेब उत्पादक किसानोंं को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि उत्पादन में कमी आने से मार्केट में सेब की सप्लाई पर असर पड़ेगा, जिससे कीमतें बढ़ेंगी. ऐसे में मौसम की मार के चलते जहां किसानों को आर्थिक नुकसा उठाना पड़ा है, वहीं आम लोगों को महंगे सेब खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा.

भूस्खलन से 10% सेब के बागान दह गए

बता दें कि बीते दिनों संयुक्त किसान मंच के राज्य संयोजक हरीश चौहान ने कहा था कि कि हिमाचल में बारिश और भूस्खलन से 10% सेब के बागान दह गए. इससे सेब उत्पादक किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस साल सेब की कीमत 30 से 40 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है. हालांकि. दिल्ली में हिमाचल से सेब की सप्लाई शुरू हो गई है. थर्ड क्वालिटी का सेब 120 से 140 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि, पिछले साल अगस्त में यही सेब 60 से 70 रुपये किलो बिकता था.

हिमाचल प्रदेश ने 640,000 मीट्रिक सेब का उत्पादन किया था

मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल कश्मीर में औसत से 50%अधिक बारिश हुई, जबकि हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद सामान्य से 79% अधिक बरसात रिकॉर्ड की गई. यही वजह है कि केवल कश्मीर में बारिश से बागवानों को 109.78 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश पिछले साल के मुकाबले सेब उत्पादन में 40 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. इससे मार्केट में सप्लाई भी प्रभावित होगी. ऐसे में कीमतें अपने आप बढ़ जाएंगी. पिछले साल हिमाचल प्रदेश ने 640,000 मीट्रिक सेब का उत्पादन किया था.

सेब भी महंगा खरीदना पड़ सकता है

बता दें कि इस साल अधिक बारिश होने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों में टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ. वहीं, उत्पादन प्रभावित होने से टमाटर की कीमतें अचानक बढ़ गईं. ऐसे में राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की सप्लाई हो रही है. लेकिन अब बारिश की वजह से आम जनता को टमाटर के बाद सेब भी महंगा खरीदना पड़ सकता है.

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