उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

लखनऊ में पकड़ा गया बाघ, 25 को बना चुका है शिकार, 90 दिन बाद वनकर्मियों ने किया ट्रेंकुलाइज

मलिहाबाद, लखनऊ। रहमान खेड़ा में घूम रहे बाघ को 90 दिन बाद वन विभाग ने रेस्क्यू कर लिया है। वन विभाग के 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी 90 दिनों से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में जुटे हुए थे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। लेकिन बुधवार को टाइगर ऑपरेशन में लगी वन विभाग की टीम को बड़ी सफलता मिली। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु से आए डॉक्टर की मदद से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में टीम सफल रही है। अब तक बाघ 25 शिकार लखनऊ में कर चुका है।

दरअसल, बीते 90 दिनों से रहमान खेड़ा जंगल और उसके आसपास करीब 60 गांव में दहशत का पर्याय बने बाघ को वन विभाग ने बुधवार शाम को रेस्क्यू कर लिया है। मंगलवार देर रात बाघ ने एक गाय और उसके बछड़े पर हमला कर दिया था। इस हमले में बाघ ने गाय को अपना 25वां शिकार बनाया था। बुधवार सुबह वन विभाग को बाघ के 25वें शिकार की जानकारी हुई, तब विशेषज्ञों की टीम ने रहमान खेड़ा जंगल में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन के दौरान बाघ वन विभाग के जाल में फंस गया और पकड़ा गया। इसके बाद वन विभाग ने राहत भरी सांस ली। बाघ के पकड़े जाने के बाद गांव में अब दहशत का माहौल खत्म हो चुका है।

डीएफओ सितांशु पांडे के मुताबिक, विगत तीन माह से रहमान खेड़ा जंगल और उसके आसपास करीब 60 गांव में बाघ की चहल कदमी देखी जा रही थी। अब तक बाघ ने कुल 25 मवेशियों का शिकार किया है, जिसमें नीलगाय, पड़वा और गौवंश शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात करीब 1:30 बजे जोन दो में बाघ ने गाय और उसके बछड़े पर हमला कर दिया था। इस हमले में बाघ ने गाय को निवाला बना लिया था। कांबिंग कर रही वन विभाग की टीम को बाघ के हमले की जानकारी हुई, तब विशेषज्ञों के साथ एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद सभी जोनों में कांबिंग का सिलसिला बदस्तूर चला रहा था। हालांकि शाम 6:00 बजे उलरापुर गांव के पास जंगल में बाघ की मौजूदगी पाई गई। इसके बाद वन्य कर्मियों ने बाघ को घेर लिया। फिर उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। बेहोशी की हालत में बाघ पर जाल डालकर उसे सुरक्षित रूप में रेस्क्यू कर लिया गया। डीएफओ ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए सीतापुर, कानपुर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर और बाराबंकी की टीमें बीते तीन माह से जंगल में डेरा जमाए हुए थीं। बाघ को रेस्क्यू करने के बाद ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।

बेंगलुरु से डॉक्टर की मदद से पकड़ा गया बाघ

डीएफओ ने बताया कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए बेंगलुरु से डॉक्टर को बुलाया गया था। इन डॉक्टरों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया है। हालांकि, बाघ पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों में जश्न का माहौल है। मीठेनगर के ग्राम प्रधान रवि यादव ने बताया कि बाघ के पकड़े जाने से वह बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामवासियों ने भी चैन की सांस ली है। लोग खेत-बाग में अपने फसलों की सही से निगरानी नहीं कर पा रहे थे, जिस कारण ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो रही थीं। शिव प्यारी भी आम के बगीचे की रखवाली करती हैं। उन्होंने बताया कि अब बाघ के पकड़े जाने से बगीचे में जाने में कोई डर नहीं है। चन्द्रेश यादव, उलरापुर गांव के निवासी और किसान हैं। उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सहित खेतों में फसल बर्बाद हो रही थी। बाघ के पकड़े जाने पर उन्होंने वन विभाग को धन्यवाद दिया है।

Khabri Adda

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button