ऋषि का सद्साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है: उमानन्द शर्मा
गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 451वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न
गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘टी0आर0सी0 महाविद्यालय डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी, सतरिख, बाराबंकी, उ०प्र०’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 451वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती प्रीति सिंह एवं श्री सुनील सिंह ने अपने प्रिय पुत्री स्व0 स्वस्तिका सिंह की स्मृति में उसके प्रथम पुण्यतिथि पर टी0आर0सी0 महाविद्यालय डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी के पुस्तकालय में युग ऋषि वाङ्मय साहित्य सप्रेम भेंट किये तथा उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सकगणों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भी भेंट किये।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ऋषि का सद्साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।” इस अवसर पर श्रीमती निर्मला पाण्डेय, सुश्री आराध्या सिंह, श्री देवेन्द्र सिंह एवं श्री सुनील सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। संस्थान के डॉ० रविशंकर त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रशासनिक अधिकारी श्री प्रबोध सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्रीमती निर्मला पाण्डे, श्रीमती प्रीति सिंह, सुश्री आराध्या सिंह, श्री सुनील सिंह एवं श्री देवेन्द्र सिंह एवं संस्थान के प्रबन्धक डॉ० रंजन मिश्रा, निदेशक एकेडमिक डॉ० रविशंकर त्रिपाठी, प्रशासनिक अधिकारी श्री प्रबोध सिंह, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।





