उत्तर प्रदेशलखनऊ

‘रामपुर में कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ जो मुझे यहां आने से रोक सके’, आजम खान पर भड़के सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के बीच सियासी जंग अब खुलकर सामने आ गई है। नदवी ने आजम खान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि रामपुर की सरजमीं पर उनकी पुश्तैनी जड़ें हैं और कोई शख्स उन्हें यहां आने से नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा, ‘मेरी सात पुश्तों की कब्रें रामपुर में हैं, जबकि आजम खान के दादा बिजनौर से यहां आए थे।’ नदवी ने यह भी जोड़ा कि उन्हें रामपुर की अवाम ने चुना है, और जो कोई जनता को यतीम समझने की कोशिश करेगा उसको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

‘आजम खान ने सब्र का पैमाना तोड़ दिया’

नदवी का यह बयान आजम खान के बार-बार तंज कसने के जवाब में आया। उन्होंने कहा, ‘मैंने लंबे वक्त तक सब्र किया, मगर आजम खान ने सब्र का पैमाना तोड़ दिया।’ नदवी ने बताया कि जेल से रिहाई के बाद उन्होंने आजम खान से मुलाकात की कोशिश की, अब्दुल्ला आजम को फोन भी किया, लेकिन न तो आजम ने वक्त दिया और न ही फोन उठाया। नदवी ने कुरान का हवाला देते हुए कहा, ‘अल्लाह ने फरमाया है कि जो शख्स दूसरों पर तंज कसता है, वह बर्बाद हो जाता है।’

अखिलेश यादव की मध्यस्थता की कोशिश नाकाम

बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी। बुधवार को अखिलेश रामपुर में आजम खान से मिलने गए, लेकिन आजम ने साफ कर दिया था कि वह अखिलेश के साथ वन-टू-वन मुलाकात चाहते हैं। उन्होंने अखिलेश से किसी और को साथ न लाने की शर्त रखी। नतीजतन, अखिलेश ने मोहिबुल्लाह नदवी को बरेली में ही छोड़ दिया और अकेले आजम से मिलने पहुंचे। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब दो घंटे तक बातचीत हुई थी। हालांकि, इस मुलाकात में क्या बातें हुईं, इसका खुलासा न तो आजम ने किया और न ही अखिलेश ने।

नदवी के टिकट को लेकर थी आजम की नाराजगी

आजम खान की नाराजगी की जड़ लोकसभा चुनाव में नदवी को रामपुर से टिकट दिए जाने को लेकर थी। दरअसल, रामपुर में तुर्क और पठान समुदायों के बीच पुरानी रंजिश रही है। नदवी तुर्क हैं, जबकि आजम खान पठान। आजम, नदवी को टिकट देने के खिलाफ थे, मगर अखिलेश ने उनकी बात नहीं मानी। इसके बाद नदवी ने कई मौकों पर आजम के खिलाफ बयान दिए। एक बार तो नदवी ने तंज कसते हुए कहा था कि आजम खान सुधार गृह में हैं, उम्मीद है वह सुधरकर बाहर आएंगे। यही वजह है कि दोनों सपा नेता एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते।

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