परिषदीय विद्यालयों में 4 से 11 दिसंबर तक होगा बहुभाषीय उत्सव, 1.48 करोड़ बच्चे होंगे सहभागी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 4 से 11 दिसंबर तक कथा, कविता और संवाद की एक जीवंत सांस्कृतिक धारा प्रवाहित होगी। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर आयोजित होने वाले भारतीय भाषा उत्सव-2025 में प्रदेश के लगभग 1.32 लाख विद्यालय और 1.48 करोड़ विद्यार्थी सहभागी बनेंगे। इस उत्सव की थीम ‘बहुभाषी , एकल भाव’ रखी गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों में मातृभाषा के प्रति गौरव और भारतीय भाषाओं के लिए सम्मान विकसित करना है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस पहल का लक्ष्य विद्यार्थियों को भारत की बहुभाषीय विरासत, समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक विविधता से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि भाषा न केवल संप्रेषण का माध्यम है, बल्कि भावनात्मक एकता की शक्ति भी रखती है। यह उत्सव विद्यार्थियों में भाषाई आत्मविश्वास और सांस्कृतिक गर्व जागृत करेगा।
उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर उत्सव का समापन होगा। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावना के अनुरूप मातृभाषा-आधारित शिक्षा, बहुभाषीय सीख और सांस्कृतिक एकत्व को विद्यालयी वातावरण में और अधिक स्थापित करेगा।
संदीप सिंह ने कहा कि सात दिवसीय इस उत्सव के प्रत्येक दिन को अलग-अलग थीम पर आधारित गतिविधियों के लिए निर्धारित किया गया है। जिसमे 4 दिसंबर को भाषा वृक्ष और भाषाई विरासत वाल का निर्माण, 5 दिसंबर को बहुभाषीय कविता और संगीत प्रस्तुतियाँ, 6 दिसंबर को त्योहार-आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम और ‘भाषा की आवाज’ पॉडकास्ट, 8 दिसंबर को ‘कहावतों में एकता’ और ‘भाषा मित्र’ गतिविधियाँ, 9 दिसंबर को ‘भाषा बंधु पत्र’ और बहुभाषीय कहानी श्रृंखला, 10 दिसंबर को भाषा अन्वेषण क्लब की गतिविधियाँ और 11 दिसंबर को ‘इंटरेक्टिव भाषा मेला’ और ‘भाषा रंगमंच’ का आयोजन होगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि भारतीय भाषा उत्सव-2025 विद्यार्थियों में मातृभाषा और भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान को सुदृढ़ करेगा। यह पहल बच्चों की भाषाई समझ, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और बहुभाषीय दक्षता को बढ़ाएगी।





