बौद्ध भिक्षु भदंत एबी ज्ञानेश्वर का निधन, सीएम योगी व मायावती ने जताया शोक, जानिए कब तक होंगे पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत एबी ज्ञानेश्वर का शुक्रवार भोर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह करीब 90 वर्ष के थे। उनका पार्थिव शरीर आज दोपहर कुशीनगर पहुंचेगा। पार्थिव शरीर दस नवंबर तक कुशीनगर के बर्मी बुद्ध विहार में लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। इसके बाद बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। लंबी बीमारी के बाद भदंत ज्ञानेश्वर का निधन शुक्रवार की भोर में हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती समेत कई राजनेताओं और बुद्धिजीवियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की। बौद्ध भिक्षु को 20 दिन पहले इलाज के लिए लखनऊ के मेदांता में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन से भिक्षु संघ और भक्तों में शोक व्याप्त है।
भदंत म्यांमार बुद्ध विहार के पीठाधीश्वर थे। म्यांमार ने उन्हें म्यांमार का सर्वोच्च सम्मान दिया था। भदंत को म्यांमार सरकार ने अपने सर्वोच्च धार्मिक सम्मान अभिध्वजा महारथा गुरु से सम्मानित किया है। यह सम्मान म्यांमार के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। यह किसी भारतीय को मिलने वाला ऐसा पहला सम्मान है। वे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कुशीनगर में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे ।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने भी सोशल मीडिया पर शोक जाहिर किया। साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके शोक जताया। उन्होंने लिखा कि परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के धम्मदीक्षा गुरु पूज्य भदन्त चन्द्रमणि महास्थवीर के सुयोग्य उत्तराधिकारी पूज्य भदन्त ज्ञानेश्र महास्थवीर जी, अध्यक्ष, कुशीनगर भिक्खु संघ का लगभग 90 वर्ष की आयु में आज देहावसान हो गया है।
देश-विदेश में फैले उनके अनुयायियों में अपार शोक एवं दुःख व्याप्त है। भदन्त ज्ञानेश्वर जी का देहावसान ना केवल बौद्ध जगत के लिए बल्कि मानव समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। भदन्त ज्ञानेश्वर महास्थवीर जी का सामाजिक, धार्मिक, शैक्षाणिक तथा सांकृतिक क्षेत्र में उनका रहा योगदान अनुकरणीय है। मैं अपनी व पार्टी की तरफ से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ।
चंद्रशेखर आजाद ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि कुशीनगर भिक्खु संघ के माननीय अध्यक्ष पूज्य भंते ज्ञानेश्र महास्थवीर जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। कल ही मेरी मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में बात हुई थी। उनके साथी कह रहे थे कि पहले से अब कुछ आराम है। यह सोचकर मन व्यथित है कि आज वे हमारे बीच नहीं रहे। भंते ज्ञानेश्र जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन बुद्ध, धम्म और संघ की सेवा में समर्पित किया। वे करुणा, शील और समानता के जीवंत प्रतीक थे ।
उनकी वाणी में ज्ञान, आचरण में अनुशासन और जीवन में अपार करुणा थी। उनके चले जाने से बौद्ध समाज ही नहीं, बल्कि समूचा मानव समाज एक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व से वंचित हो गया है। उनकी शिक्षाएँ, उपदेश और धम्म की ज्योति सदैव हमारे मार्ग को आलोकित करती रहेंगी। मैं पूरे विश्व में फैले उनके लाखों अनुयायियों और श्रद्धालुओं के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूँ। प्रकृति हम सभी को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। यह क्षति हम सबकी सामूहिक क्षति है। जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।





