ओपिनियनबड़ी खबरसंपादक की पसंद

शतरंज के वैश्विक बोर्ड पर भारत का दिव्य अधिकार 

मृत्युंजय दीक्षित 


वैश्विक शतरंज में वर्ष 2025 एक ऐसी  दिव्य उपलब्धि लेकर आया है जिसे तब तक स्मरण किया जाएगा  जब तक वैश्विक मंच पर शतरंज खेला जाएगा और शतरंज के प्रेमी रहेंगे। भारत की 88वीं ग्रेंड मास्टर बनीं 19वर्षीय दिव्या देशमुख ने जार्जिया के बाटुमी में हुए फिडे महिला शतरंज विश्व कप प्रतियोगिता में अपने ही देश की कोनेरू हंपी को पराजित करते हुए इतिहास रच दिया। इसके साथ ही दिव्या शतरंज के खेल की नई सनसनी बन गई हैं। अभी तक दिव्या को 15वी वरीयता प्राप्त थी किंतु  दृढ़ता और  ओपनिग की तैयारियों ने दिव्या को चैपिंयन बना दिया है।

नागपुर की रहने वाली 19 वर्षीया दिव्या देशमुख भविष्य में कई युवाओं को उसी प्रकार से खेल के प्रति उत्साहित करने में सक्षम हो गई हैं जैसे कि भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा कर रहे हैं। दिव्या के पिता डा.  जितेंद्र और माता नम्रता देशमुख दोनों ही चिकित्सक हैं। दिव्या ने सबसे पहले 2012 में अंडर – सात में राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। दिव्या ने 214 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में अंडर 10 और 2017 में ब्राजील में अंडर -12 वर्ल्ड यूथ खिताब जीते। वह 2021 में विदर्भ क्षेत्र की पहली महिला ग्रैंड मास्टर बनीं। उन्होंने 2023 में इंटरनेशनल मास्टर की प्रतियोगिता जीती। फिर उन्होंने ग्रैड मास्टर  आर. बी. रमेश के मार्गदर्शन में चेन्नई के शतरंज गुरूकुल में अपनि प्रतिभा का परिचय दिया।

दिव्या शतरंज ओलम्पियाड में तीन बार की स्वर्ण पदक विजेता हैं। दिव्या ने एशियन चैम्पियनशिप और वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप में भी स्वर्णपदक जीता। दिव्या ने वर्ष 2024 में बुडापेस्ट में 45वें शतंरज ओलम्पियाड में भारत को स्वर्ण  पदक दिलाया और वर्ल्ड टीम रैपिड और बिल्ट्ज शतरंज प्रतियोगिता में भी शानदार प्रदर्शन किया। दिव्या की बड़ी बहन बैइमिंटन खेलने के लिए जाती थीं  और उनके साथ दिव्या भी जाती थी किंतु उन्हें शतरंज में रूचि थी और वे उसी में रम गईं आज वह  शतरंज की सर्वोत्कृष्ट खिलाड़ी हैं।

वर्ष 2025 में दिव्या ने चीन की 22 वर्षीय ग्रैंडमास्टर झू जिनर को हराकर शानदार जीत हासिल की, वहीं दूसरी भारतीय महिला खिलाडी कोनेरू हंपी ने भी चीनी खिलाड़ी को ही हराकर फिडे शतरंज विश्वकप में चीन का दबदबा ध्वस्त कर दिया है। यह भारत के लिए बड़ी अभूतपूर्व दोहरी  सफलता रही है कि फिडे विश्व कप के फाइनल में दोनों ही खिलाड़ी भारतीय रहे ।

अब विश्व शतरंज में भारत की धमक  बढ़ रही है और भारत के खिलाड़ी देश का ध्वज शतरंज के बोर्ड पर लहरा रहे हैं । इससे पूर्व पुरुष शतरांज में 18 वर्षीय डी. गुकेश ने चीन के डिग लिरेन को हराकर कीर्तिमान रचा थाउनकी यह उपलब्धि सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि ही नहीं थी अपितु भारतीय शतरांज की एक बड़ी छलांग थी। विगत वर्ष सितंबर माह में ही भारत ने बुडापेस्ट में हुए 45वें शतरंज ओलम्पियाड में भी शानदार प्रदर्शन किया थ जिसमें महिला और पुरुष दोनों ही टीमों ने स्वर्ण पदक जीतकर देश को गर्व से भर दिया था।भारत के कई अन्य ग्रैंड मास्टर भी वैश्विक जगत में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। जिसमें आर. प्रगनानंद, विदित गुजराती, अर्जुन ऐरिगिसी, आर वैशाली और डी. हरिका जैसे युवा खिलाड़ी प्रमुख हैं।

आज पूरा भारत शतरंज की दुनिया में अपनी बेटियो की सफलता पर गर्व का अनुभव कर रहा है। भविष्य में यही युवा खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्वर  बनने जा रहे हैं।अब शतरंज के आकाश पर भारत का राज स्थपित हो रहा है। यह पल भारत के लिए बेहद गर्व के पल हैं।

Khabri Adda

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button